हिन्दी व्यंजन माला गीत
हिन्दी व्यंजन माला गीत
(भाग -- 1)
('क' वर्ग)
'क' से कमल है राष्ट्रीय फूल
'क' से कबूतर को न भूल
'क' से कलश लो और कर लो पूजा
फिर न मिलेगा ऐसा मौका दूजा
'ख' से खरगोश को गाजर लगता प्यारा
'ख' से खटमल न होता दोस्त हमारा
'ख' से खरबूज और खीरा खाओ
अपनी सेहत तुम खूब बनाओ
'ग' से गमले में लगाओ फूल
'ग' से गाजर खाना न भूल
'ग' से गाय हमारी गौ माता
पढ़ लिख कर बन जाओ ज्ञाता
'घ' से घड़ी समय बताये
'घ' से घर में खुशियाँ पाएँ
'घ' से घड़े का पीना ठंडा पानी
लो याद आ गई मुझे अपनी नानी
'ङ' का घर सब कहते खाली
पर 'ङ' से गङ्गा बनता,
आओ मिल कर बजाए ताली ।।
रचयिता
रिंकू कुमारी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय भिखारीपुर,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद-चंदौली।
(भाग -- 1)
('क' वर्ग)
'क' से कमल है राष्ट्रीय फूल
'क' से कबूतर को न भूल
'क' से कलश लो और कर लो पूजा
फिर न मिलेगा ऐसा मौका दूजा
'ख' से खरगोश को गाजर लगता प्यारा
'ख' से खटमल न होता दोस्त हमारा
'ख' से खरबूज और खीरा खाओ
अपनी सेहत तुम खूब बनाओ
'ग' से गमले में लगाओ फूल
'ग' से गाजर खाना न भूल
'ग' से गाय हमारी गौ माता
पढ़ लिख कर बन जाओ ज्ञाता
'घ' से घड़ी समय बताये
'घ' से घर में खुशियाँ पाएँ
'घ' से घड़े का पीना ठंडा पानी
लो याद आ गई मुझे अपनी नानी
'ङ' का घर सब कहते खाली
पर 'ङ' से गङ्गा बनता,
आओ मिल कर बजाए ताली ।।
रचयिता
रिंकू कुमारी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय भिखारीपुर,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद-चंदौली।
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