२२२~ पूजा पाण्डेय PS कल्यानपुर, छिबरामऊ, कन्नौज

💎🏅अनमोल रत्न🏅💎

मित्रों आज के परिचय में हैं जनपद कन्नौज से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन पूजा पाण्डेय जी। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और सामाजिक सहभागिता से शून्य की ओर गतिमान अपने विद्यालय के लिए शिखरता का मार्ग प्रशस्त किया, जो हम सब के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।

आइये देखते हैं सामाजिक सहभागिता और सकारात्मक सोच का प्रेरक परिवर्तन:-

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मेरा नाम- पूजा पाण्डेय (प्र०अ०)
नियुक्ति वर्ष- 24/08/2013
विभाग में नियुक्ति -13/02/2009

👉(1) विद्यालय में आने से पूर्व विद्यालय की स्थिति बहुत ही खराब, पूरे विद्यालय में  गड्ढे व विद्यालय के पीछे एक बड़ा सा नाला व जर्जर भवन।
👉मेरे द्वारा किया गया परिवर्तन👈 सर्वप्रथम विद्यालय प्रांगण को सी०सी० करवाया, विद्यालय के पीछे जो नाला था उसे 25 ट्राली मिट्टी डलवाकर बन्द करवाया। जिससे बच्चों को किसी प्रकार की कोई क्षति न पहुँचे। इन सब कामों में विद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष जी का पूरा सहयोग रहा।

👉(2) विद्यालय परिवेश-
विद्यालय परिवेश स्वच्छ करने के लिए सर्वप्रथम स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया कि वे जब विद्यालय बन्द हो जाता तो उसमें गन्दगी न करें जिसमें समाज का भरपूर सहयोग मिला व विद्यालय स्वच्छ व सुन्दर लगने लगा।

👉(3) उपयोगी संसाधनों में परिवर्तन:- जहाँ पहले विद्यालय में बच्चे टाटपट्टी पर बैठकर पढ़ाई करते थे वही अब फर्नीचर पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। पहले बच्चों को कम्प्यूटर की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। अब विद्यालय में कम्प्यूटर कक्ष है और बच्चे कम्प्यूटर चलाना सीख रहे हैं। यह प्रयास हमारे द्वारा व गांव की बहू श्रीमती प्रतिभा मिश्रा के द्वारा किया गया है।

👉(4) विद्यालय के विकास में सहयोग करने वाले शिक्षक व ग्रामवासी:- पूजा पाण्डेय (प्र०अ०) प्रा० वि० कल्यानपुर
ग्रामवासी - गाँव की बहू व समाज सेविका श्रीमती प्रतिभा मिश्रा का विद्यालय में पूरा सहयोग रहा जिससे विद्यालय स्वच्छ व सुन्दर हो पाया।

👉(5) छात्र संख्या - 142
वार्षिक उपस्थित - 86.2%
नवीन नामांकन - 32
उपस्थित बढ़ाने के प्रयास- घर-घर जाकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए घर वालों को प्रेरित किया
विद्यालय में भयमुक्त वातावरण स्थापित किया।

विभिन्न खेलों, प्रतियोगिताओं का आयोजन किया प्रति माह बच्चों का जन्मदिन विद्यालय में मनाया जाता है।
बच्चों की माताओं को शिक्षा के प्रति जागरूक करना व विद्यालय बन्द होने के बाद उनको शिक्षित करने के लिए कक्षा चलाई जाती है।
बच्चों की माताओं को शिक्षित करने का उद्देश्य बच्चों में ठहराव की स्थिति पैदा होना व छात्र संख्या में वृद्धि होना ।


👉(6)विद्यालय में आपके प्रयासों से शिक्षण व्यवस्था - मेरे द्वारा बच्चों को खेल खेल में, टी०एल०एम० द्वारा व कम्प्यूटर के माध्यम से शिक्षा दी जाती है जिससे बच्चों को अधिक स्थाई अधिगम प्राप्त होता है और उपस्थिति  भी अच्छी रहती है।

👉(7) बच्चों व विद्यालय की व्यक्तिगत उपलब्धियां - बच्चों का विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करना व विद्यालय मूल्याकंन में शत् प्रतिशत बच्चों का सफल प्रतिभाग/
मेरे द्वारा सफल विद्यालय संचालन को देखकर श्रीमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कन्नौज द्वारा व अन्य संस्थाओं द्वारा मुझे सम्मानित किया गया।

👉 (8) अन्य शिक्षकों के लिए संदेश व सुझाव-
विद्यालय समितियों के द्वारा व स्वयं ग्रामवासियों में शिक्षा का प्रचार- प्रसार करना व विद्यालय की सभी गतिविधियों के सफल संचालन में बच्चों का अधिक से अधिक प्रतिभाग कराना तथा उनकी कार्य समितियों का गठन कर विद्यालय को विकास और विश्वास की ओर ले जाना चाहिए।

साभारः
प्राथमिक विद्यालय कल्यानपुर
विकास खण्ड- छिबरामऊ
जनपद- कन्नौज

बहुत-बहुत धन्यवाद पूजा जी
आपके प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों के लिए मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ!

संकलन: आशीष शुक्ला
टीम मिशन शिक्षण संवाद



























👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण मानते हों और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा के उत्थान एवं शिक्षक के सम्मान की रक्षा के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर, मिशन शिक्षण संवाद के अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में सहयोगी बनकर, शिक्षक स्वाभिमान की रक्षा के लिए आगे बढ़ें। हमें विश्वास है कि अगर आप सब अनमोल रत्न शिक्षक साथी हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--

👫 आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।

👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक साथी प्रेरक कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।

उपलब्धियों का विवरण, ऑडियो, वीडियो और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 एवं ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।

साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०

निवेदन:- मिशन शिक्षण संवाद की समस्त गतिविधियाँ निःशुल्क, स्वैच्छिक एवं स्वयंसेवी हैं। जहाँ हम आप सब मिलकर शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसलिए यदि कहीं कोई लोभ- लालच या पद प्रतिष्ठा की बात कर, अपना व्यापारिक हित साधने की कोशिश कर रहा हो, तो उससे सावधान रह कर टीम मिशन शिक्षण संवाद को मिशन के नम्बर-9458278429 पर अवश्य अवगत करा कर सहयोग करें।

धन्यवाद अनमोल रत्न शिक्षक साथियों🙏🙏🙏
विमल कुमार
कानपुर देहात
14/04/2018

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