शिक्षकों के लिए
जैसा कि हम सभी अध्यापक जानते हैं कि नया शैक्षिक सत्र 2018-2019 प्रारम्भ हो चुका है । हम चारों तरफ देखें तो बेसिक शिक्षा की दिशा और दशा बदली हुई नजर आ रही है और इस पुनीत कार्य में मिशन शिक्षण संवाद के सहयोग की जितनी तारीफ की जाये कम है ।
इसी क्रम में मैं अपनी कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ .......
शिक्षकों के लिए
चलो करते हैं आगाज़ कुछ ऐसा,
कि अमिट छाप बन जाए ।
मंजिल की राहें भी न रुसवा हों ,
और ज्ञान की ये महफ़िल भी संवर जाए ।
बेशक़ मंजिल के रास्ते कठिन होंगे ,
पर चल पड़ें हम तो लीक बन जाए ।
दें तालीम इन परिंदों को ऐसी ,
कि छू लें बुलंदी और इतिहास बन जाए ।
बड़े नाजुक हैं पर इनके अभी,
जरा देखना इन्हें कोई टूट न जाए ।
लगता है माझी सोया है इनका वर्षों से,
जगा दें तकदीर तो इनका मुस्तक़बिल ही संवर जाए ।
गुरुओं को तो ये खुदा मानते हैं,
सम्भलना कहीं ये एतवार न टूट जाए ।
गुरु -शिष्य का रिश्ता सबसे अलग होता है संसार में,
करना जतन कोई, कहीं ये पहचान न खो जाए ।
आईना जमाने का है हमारे हाथों में,
रहना सज़ग कहीं तस्वीर न धूमिल बन जाए ।
मालूम है 'जेपी' को ये दुनिया बहुत बड़ी है ,
सारी दुनिया न सही कुछ महकमा तो बदल जाए ।
आइये नई ऊर्जा और नये विचारों के साथ नवनिहालों का भविष्य संवारने के लिए संकल्प लें और बेसिक शिक्षा की तस्वीर बदल दें ।
रचयिता
जीतेंद्र प्रताप सिंह (जेपी),
सहायक अध्यापक (विज्ञान),
पूर्व माध्यमिक विद्यालय महेरा,
विकास खण्ड-मुस्करा,
जनपद-हमीरपुर (उ0प्र0)।
इसी क्रम में मैं अपनी कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ .......
शिक्षकों के लिए
चलो करते हैं आगाज़ कुछ ऐसा,
कि अमिट छाप बन जाए ।
मंजिल की राहें भी न रुसवा हों ,
और ज्ञान की ये महफ़िल भी संवर जाए ।
बेशक़ मंजिल के रास्ते कठिन होंगे ,
पर चल पड़ें हम तो लीक बन जाए ।
दें तालीम इन परिंदों को ऐसी ,
कि छू लें बुलंदी और इतिहास बन जाए ।
बड़े नाजुक हैं पर इनके अभी,
जरा देखना इन्हें कोई टूट न जाए ।
लगता है माझी सोया है इनका वर्षों से,
जगा दें तकदीर तो इनका मुस्तक़बिल ही संवर जाए ।
गुरुओं को तो ये खुदा मानते हैं,
सम्भलना कहीं ये एतवार न टूट जाए ।
गुरु -शिष्य का रिश्ता सबसे अलग होता है संसार में,
करना जतन कोई, कहीं ये पहचान न खो जाए ।
आईना जमाने का है हमारे हाथों में,
रहना सज़ग कहीं तस्वीर न धूमिल बन जाए ।
मालूम है 'जेपी' को ये दुनिया बहुत बड़ी है ,
सारी दुनिया न सही कुछ महकमा तो बदल जाए ।
आइये नई ऊर्जा और नये विचारों के साथ नवनिहालों का भविष्य संवारने के लिए संकल्प लें और बेसिक शिक्षा की तस्वीर बदल दें ।
रचयिता
जीतेंद्र प्रताप सिंह (जेपी),
सहायक अध्यापक (विज्ञान),
पूर्व माध्यमिक विद्यालय महेरा,
विकास खण्ड-मुस्करा,
जनपद-हमीरपुर (उ0प्र0)।
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