गुरु का शिष्य के प्रति सन्देश

मैं चिराग जलाये रखता हूँ
तुम अज्ञानता तिमिर मिटा देना,
मैं  उत्साह जगाये रखता हूँ,
तुम करके विकास दिखा देना।

कर यत्न स्वयं में विश्वास दिखा
वीणा वादिनी की तान सुना,
मैं अरुणोदय बनकर आता हूँ,
तू आदित्य प्रकाश छितरा देना।

मैं जल बनकर तुमको सींचता जाऊँ,
तुम उमंगों के सुमन खिला देना,
मैं आशाओं का उपवन बन जाऊँ,
तुम बगिया महका देना।

मैं तुम्हें स्वच्छन्द आकाश दूँ,
तुम खग सामान विचरण कर लेना,
मैं बनकर दरिया बहता जाऊँ,
तुम प्यासों की प्यास बुझा देना।

मैं गुरु की गुरुता रखूँगा
तुम मेरा मान बढ़ा देना,
मैं पग-पग तेरे साथ चलूँगा,
तुम जग को जीत दिखा देना।।

मैं चिराग जलाये रखता हूँ,
तुम अज्ञानता तिमिर मिटा देना।

रचयिता
पूजा सचान,
(सहायक अध्यापक),
English Medium 
Primary School Maseni,
Block-Barhpur,
District-FARRUKHABAD.

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