वृक्ष लगाएँ वृक्ष लगाएँ

वृक्ष लगाएँ वृक्ष लगाएँ

वृक्ष लगाएँ वृक्ष लगाएँ,
        आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ।
हरियाली हो चारों ओर,
       वातावरण को स्वच्छ बनाएँ।
वृक्ष लगाएँ वृक्ष लगाएँ,
      आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ।
हरे भरे पौधे,
         लगते कितने सुंदर।
इन्हें लगाएँ बाहर भी,
          और घर के अंदर।
सुंदर सुंदर बाग बगीचे,
        लगते कितने प्यारे हैं।
और इनमें जो फूल खिले हैं ,
        वह भी कितने न्यारे हैं।
एक वृक्ष रोज लगाएँ,
       यह आदत हम अपनाएँ।
वृक्ष लगाएँ वृक्ष लगाएँ,
      आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ।।

वृक्ष लगाएँगे तो,
         साफ हवा हम पायेंगे।
शरीर स्वस्थ हो जाएगा, 
         बीमारी दूर भगायेंगे।
कितना पावन कर्म है यह,
       सबको यही बताना है।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति,
       घर घर अलख जगाना है।
आओ हम सब आगे आएँ,
       मिलकर कदम बढ़ाएँ।
वृक्ष लगाएँ वृक्ष लगाएँ,
       आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ।

रचयिता
आरती साहू,
सहायक अध्यापक,
प्रा0 वि0 मटिहनियाँ चौधरी,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद-महराजगंज।

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