शिक्षा गीत
हम शिक्षा किरण चमकाएँगे।
नया समाज बनाएँगे।।
घर घर में डगर डगर में,
गाँव-गाँव में नगर नगर में।
अक्षर अक्षर से ज्योतित
एक मशाल जलाएँगे ।
हम शिक्षा किरण- -
नया दौर है नया जमाना
तकनीक नयी पहुँचाना।
बिन शिक्षा के कैसे हम
विकसित देश बनाएँगे।
हम शिक्षा किरण- -
बेटा बेटी सभी पढ़ाएँ
समदर्शी हम दृष्टि बनाएँ।
मानव की मानवता का
हम दीप जलाएंगे।
हम शिक्षा किरण- -
दिशा दिशा में गूँजे नारा
शिक्षित हो परिवार हमारा।
निर्बल निर्धन के घर में अब
मानवता रतन खिलाएँगे।
हम शिक्षा किरण- -
भारत के सब प्यारे बच्चे
हों शिक्षित अच्छे सच्चे।
पन्ना मोती नीलम राधा में
आशा ज्योति जगाएँगे।
हम शिक्षा किरण- -
सृजन स्वप्न के चित्र बना
उनमें भर फिर रंग घना।
शुभ्र सुखद नव पथ पर
अपने कदम बढ़ाएँगे।
हम शिक्षा किरण चमकाएँगे।
नया समाज बनाएँगे।
रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला,
जनपद -सीतापुर।
नया समाज बनाएँगे।।
घर घर में डगर डगर में,
गाँव-गाँव में नगर नगर में।
अक्षर अक्षर से ज्योतित
एक मशाल जलाएँगे ।
हम शिक्षा किरण- -
नया दौर है नया जमाना
तकनीक नयी पहुँचाना।
बिन शिक्षा के कैसे हम
विकसित देश बनाएँगे।
हम शिक्षा किरण- -
बेटा बेटी सभी पढ़ाएँ
समदर्शी हम दृष्टि बनाएँ।
मानव की मानवता का
हम दीप जलाएंगे।
हम शिक्षा किरण- -
दिशा दिशा में गूँजे नारा
शिक्षित हो परिवार हमारा।
निर्बल निर्धन के घर में अब
मानवता रतन खिलाएँगे।
हम शिक्षा किरण- -
भारत के सब प्यारे बच्चे
हों शिक्षित अच्छे सच्चे।
पन्ना मोती नीलम राधा में
आशा ज्योति जगाएँगे।
हम शिक्षा किरण- -
सृजन स्वप्न के चित्र बना
उनमें भर फिर रंग घना।
शुभ्र सुखद नव पथ पर
अपने कदम बढ़ाएँगे।
हम शिक्षा किरण चमकाएँगे।
नया समाज बनाएँगे।
रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला,
जनपद -सीतापुर।
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