२१५~ जय शेखर प्राथमिक विद्यालय धुसाह प्रथम, बलरामपुर
💎🏅अनमोल रत्न 🏅💎
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई जय शेखर जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और शिक्षण गतिविधियों के माध्यम से जहाँ भी रहे वहाँ ज्ञान के प्रवाह को गति प्रदान की है। यही कारण है कि आप जिस विद्यालय पर रहे वह समाज के बीच शिक्षा का सकारात्मक संदेश देकर विश्वास को मजबूत आधार देने में सदैव सफल रहा है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2054098168201103&id=1598220847122173
मैं जय शेखर, हमारी प्रथम नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय पण्डितपुरवा, शिवपुरा, बलरामपुर में हुई थी जो
अत्यंत पिछड़ा क्षेत्र था। मार्ग तो दुर्गम था। लेकिन पहली पोस्टिंग और भीतर का शिक्षक बहुत कुछ कर डालने को व्याकुल था। एक वर्ष तक सेवा दी, whatsapp का जमाना नहीं था, फिर भी उस इलाके में काम से पहचान बन गई थी, अभिभावकों से मिलने वाला अपार सम्मान नई ऊर्जा देता था, प्रत्येक छात्र का घर द्वार मालूम हो गया था। अध्यापन, नित्य नई शिक्षण विधियां, शानदार रैलियां, पूरे गाँव में रैली का स्वागत उत्साह बढ़ा देता था।
उसी समय मॉडल स्कूल अंग्रेजी माध्यम का फॉर्म आया, जो निवास से निकट था परन्तु अधिक चुनौती पूर्ण! बहुत से मित्रों ने जॉइन न करने की सलाह दी परंतु लगा कि जब काम करना है तो यहीं सही! अपना विद्यालय छोड़ने का कष्ट बहुत था परंतु आदेश के अनुपालन में जॉइन करना ही था।
24 अगस्त-2015,
प्राथमिक विद्यालय मॉडल स्कूल धुसाह प्रथम (अंग्रेजी माध्यम का पहला परिषदीय विद्यालय)
विद्यालय में नया परिवेश, कोई संसाधन नही, जर्जर भवन, टूटा फर्श, 97 नामांकित छात्र, 20 उपस्थित, अब क्या? लगा कि यहाँ क्यों ही आ गए? फिर ईश्वर की व्यवस्था समझ काम में जुटा गया, पढ़ाई सुचारू रूप से शुरू की, कॉपियों पर कवर, सारे रजिस्टर पर पाली कवर, उनकी सज्जा, और नित्य अंतिम बेला में कुछ, राष्ट्र भक्ति गीत जैसे कदम-कदम बढ़ाए जा, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, कक्षा कविता जैसे यह लघु सरिता का बहता जल, नित्य हो तो आनंद बरसे आदि। इन सब गतिविधियों से
विद्यालय के परिवेश में प्राण जागने लगा।
उखड़ी दीवारों पर कुछ पेंटिंग की, चित्र बनाए, गत्ते काटकर कील से दीवार में जड़ दिए जिसपर ढेर सारे tlm, और कक्षोपयोगी चित्र बनाए!विद्यालय परिवेश को यथा सामर्थ्य सजा दिया!
बच्चों की संख्या बढ़ने लगी! दिवाली पर भारतीय सैनिकों के लिए पोस्टकार्ड पर पत्र लिख कर भेजे,
प्रत्येक अवसर पर कुछ आयोजन, प्रतियोगिताएं, स्वयं से पुरस्कार व्यवस्थित कर बांटे
गणतंत्र दिवस पर शानदार प्रभात फेरी व कार्यक्रम रखा, गांव के बहुत से लोग सम्मिलित हुए।
उसी समय समाज के अनेक विचारशील व्यक्तियों ने विद्यालय की बढोत्तरी में बढ़ चढ़ कर सहयोग किया।
YHAI, मारवाड़ी युवा मंच, रोटरी क्लब, इनरव्हील, आदि अनेक संस्थाओं ने विद्यालय में आस्था प्रगट की और बच्चों की संख्या बढ़ती गयी।
उसी बीच जनपद में नए BSA श्री रमेश यादव ने विद्यालय में निरीक्षण किया और विद्यालय का सौभाग्य उदित हो गया। उन्होंने बहुत व्यवस्थाएं दी। नए सहायक दिए और बाउंडरीवाल बनवा दी।
अंग्रेजी व संस्कृत भाषा शिक्षण पर विशेष कार्य किया,
Picture comprehension, Posters, Language rich environment, Do and learn, Projects, 3d Models, subject related Crafts, Plays based on lessons, English songs, poems with action, संस्कृत के सभी श्लोक व गीत पूरी लय में बच्चों को तैयार कराए, जिसका आनंद बच्चों के बीच नित्य मिलता है।
समान चुराने और गाली देने की बच्चों की आदत मे भी बहुत सुधार किया। मिशन शिक्षण संवाद ने इतने idea दिए जिनके अनुसरण से अध्यापन में बहुत लाभ हुआ।
आज विद्यालय जिलाधिकारी महोदय द्वारा गोद भी लिया गया है। साज-सज्जा सुधर रही है।
विद्यालय के उज्ज्वल भविष्य के लिए सदा कार्यरत और सभी के आशीर्वचनों का आकांक्षी, प्रा वि धुसाह प्रथम🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद जय शेखर जी।
मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से विद्यालय के उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ हार्दिक शुभकामनाएं!
👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण मानते हों और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा के उत्थान एवं शिक्षक के सम्मान की रक्षा के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर, मिशन शिक्षण संवाद के अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में सहयोगी बनकर, शिक्षक स्वाभिमान की रक्षा के लिए आगे बढ़ें। हमें विश्वास है कि अगर आप सब अनमोल रत्न शिक्षक साथी हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
👫 आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक साथी प्रेरक कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण, ऑडियो, वीडियो और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 एवं ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।
साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०
निवेदन:- मिशन शिक्षण संवाद की समस्त गतिविधियाँ निःशुल्क, स्वैच्छिक एवं स्वयंसेवी हैं। जहाँ हम आप सब मिलकर शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसलिए यदि कहीं कोई लोभ- लालच या पद प्रतिष्ठा की बात कर, अपना व्यापारिक हित साधने की कोशिश कर रहा हो, तो उससे सावधान रह कर टीम मिशन शिक्षण संवाद को मिशन के नम्बर-9458278429 पर अवश्य अवगत करा कर सहयोग करें।
धन्यवाद अनमोल रत्न शिक्षक साथियों🙏🙏🙏
विमल कुमार
कानपुर देहात
02/04/2018
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अत्यंत पिछड़ा क्षेत्र था। मार्ग तो दुर्गम था। लेकिन पहली पोस्टिंग और भीतर का शिक्षक बहुत कुछ कर डालने को व्याकुल था। एक वर्ष तक सेवा दी, whatsapp का जमाना नहीं था, फिर भी उस इलाके में काम से पहचान बन गई थी, अभिभावकों से मिलने वाला अपार सम्मान नई ऊर्जा देता था, प्रत्येक छात्र का घर द्वार मालूम हो गया था। अध्यापन, नित्य नई शिक्षण विधियां, शानदार रैलियां, पूरे गाँव में रैली का स्वागत उत्साह बढ़ा देता था।
उसी समय मॉडल स्कूल अंग्रेजी माध्यम का फॉर्म आया, जो निवास से निकट था परन्तु अधिक चुनौती पूर्ण! बहुत से मित्रों ने जॉइन न करने की सलाह दी परंतु लगा कि जब काम करना है तो यहीं सही! अपना विद्यालय छोड़ने का कष्ट बहुत था परंतु आदेश के अनुपालन में जॉइन करना ही था।
24 अगस्त-2015,
प्राथमिक विद्यालय मॉडल स्कूल धुसाह प्रथम (अंग्रेजी माध्यम का पहला परिषदीय विद्यालय)
विद्यालय में नया परिवेश, कोई संसाधन नही, जर्जर भवन, टूटा फर्श, 97 नामांकित छात्र, 20 उपस्थित, अब क्या? लगा कि यहाँ क्यों ही आ गए? फिर ईश्वर की व्यवस्था समझ काम में जुटा गया, पढ़ाई सुचारू रूप से शुरू की, कॉपियों पर कवर, सारे रजिस्टर पर पाली कवर, उनकी सज्जा, और नित्य अंतिम बेला में कुछ, राष्ट्र भक्ति गीत जैसे कदम-कदम बढ़ाए जा, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, कक्षा कविता जैसे यह लघु सरिता का बहता जल, नित्य हो तो आनंद बरसे आदि। इन सब गतिविधियों से
विद्यालय के परिवेश में प्राण जागने लगा।
उखड़ी दीवारों पर कुछ पेंटिंग की, चित्र बनाए, गत्ते काटकर कील से दीवार में जड़ दिए जिसपर ढेर सारे tlm, और कक्षोपयोगी चित्र बनाए!विद्यालय परिवेश को यथा सामर्थ्य सजा दिया!
बच्चों की संख्या बढ़ने लगी! दिवाली पर भारतीय सैनिकों के लिए पोस्टकार्ड पर पत्र लिख कर भेजे,
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गणतंत्र दिवस पर शानदार प्रभात फेरी व कार्यक्रम रखा, गांव के बहुत से लोग सम्मिलित हुए।
उसी समय समाज के अनेक विचारशील व्यक्तियों ने विद्यालय की बढोत्तरी में बढ़ चढ़ कर सहयोग किया।
YHAI, मारवाड़ी युवा मंच, रोटरी क्लब, इनरव्हील, आदि अनेक संस्थाओं ने विद्यालय में आस्था प्रगट की और बच्चों की संख्या बढ़ती गयी।
उसी बीच जनपद में नए BSA श्री रमेश यादव ने विद्यालय में निरीक्षण किया और विद्यालय का सौभाग्य उदित हो गया। उन्होंने बहुत व्यवस्थाएं दी। नए सहायक दिए और बाउंडरीवाल बनवा दी।
अंग्रेजी व संस्कृत भाषा शिक्षण पर विशेष कार्य किया,
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आज विद्यालय जिलाधिकारी महोदय द्वारा गोद भी लिया गया है। साज-सज्जा सुधर रही है।
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धन्यवाद अनमोल रत्न शिक्षक साथियों🙏🙏🙏
विमल कुमार
कानपुर देहात
02/04/2018
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