पथिक
जीवन तो एक पथिक है
जीने की आस अधिक है ।
करें हम ऐसे नेक कार्य
जिसमें दुआ सर्वाधिक है ।।
जीवन में समस्या आर्थिक है
जीवन , लक्ष्य परामार्थिक है ।
क्या घमंड उस धन-दौलत का
जिसमें अशांति सर्वाधिक है ।।
चाह की मंजिल नजदीक है
समय के तो पल तनिक है ।
किसी दर्द के हमदर्द बन जाएँ
जिसमें आत्मशांति सर्वाधिक है ।।
रचयिता
गोपाल कौशल
नागदा जिला धार मध्यप्रदेश
99814-67300
रोज एक - नई कविता
Email ID : gopalkaushal917@gmail.com
©स्वरचित ® 09-03-2018
जीने की आस अधिक है ।
करें हम ऐसे नेक कार्य
जिसमें दुआ सर्वाधिक है ।।
जीवन में समस्या आर्थिक है
जीवन , लक्ष्य परामार्थिक है ।
क्या घमंड उस धन-दौलत का
जिसमें अशांति सर्वाधिक है ।।
चाह की मंजिल नजदीक है
समय के तो पल तनिक है ।
किसी दर्द के हमदर्द बन जाएँ
जिसमें आत्मशांति सर्वाधिक है ।।
रचयिता
गोपाल कौशल
नागदा जिला धार मध्यप्रदेश
99814-67300
रोज एक - नई कविता
Email ID : gopalkaushal917@gmail.com
©स्वरचित ® 09-03-2018
Comments
Post a Comment