२२३~ दीपिका सिंह पूर्व माध्यमिक विद्यालय प्रसिद्धपुर ब्लॉक-पहाड़ी जनपद -चित्रकूट
💎🏅अनमोल रत्न🏅💎
मित्रों आज के परिचय में हम आपको बता रहे हैं। भगवान कामता नाथ की नगरी जनपद-चित्रकूट से अनमोल रत्न एक ऐसी आदर्श शिक्षिका बहन दीपिका सिंह जी से, जिन्होंने अपनी कार्य कुशलता से वह सभी कारकों को अपने विद्यालय में सामाजिक सहभागिता और सकारात्मक सोच से जीवन्त बनाया। जिन्हें किसी भी विद्यालय के उत्थान के लिए आवश्यक कहा जा सकता है।
इसलिए आइए हम सब एक बार जरूर पढ़े और देखें बहन जी के अनुकरणीय एवं प्रेरक कार्यों के कुछ अनमोल बिन्दुओं को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2061151757495744&id=1598220847122173
मेरा नाम दीपिका सिंह है। मैं अपनी सेवा पूर्व माध्यमिक विद्यालय प्रसिद्धपुर ब्लॉक-पहाड़ी जनपद -चित्रकूट में सन्-2015 से विज्ञान अध्यापक के रूप में देना आरम्भ किया। यह अवसर प्रदान करने के लिये मैं उत्तर प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग को धन्यवाद देना चाहती हूँ।
मेरे द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये गए प्रयासों में से कुछ निम्न है-
✡1-अनुशासन के क्षेत्र में👈
👉a)-विद्यालय में आने के बाद मैंने सबसे पहले बच्चों को सिखाया की अनुशासन में रहकर कैसे विकास किया जाता है। उसके लिये मैंने बच्चों को समय से विद्यालय आने पर जोर दिया। विद्यालय में कक्षा- कक्ष में जूते चप्पल न पहनने के लिये कहा तथा कक्षा के बाहर ही उन्हें क्रम से लगाने के लिये प्रेरित किया।
👉b)-प्रतिदिन विद्यालय में प्रार्थना सभा में अलग -अलग तरह की प्रार्थना करवाई जाती हैं। प्रार्थना के साथ गायत्री मंत्र ,श्लोक का उच्चारण एवं दोहे का भी अभ्यास कराया जाता है, जिससे उन सभी को दोहे श्लोक याद भी हो गए हैं।
👉c)- मध्याह्न काल में किसी को बिना हाथ धुले भोजन नहीं करने दिया जाता। हाथ धोने के लिये डेटॉल की भी व्यवस्था रहती है। भोजन के पहले भोजन मंत्र भी बच्चों द्वारा कराया जाता है।
👉d)-बच्चों के साफ -सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है बच्चों के नाखून व व्यक्तिगत सफाई के लिये जागरूक किया जाता है। प्रत्येक कक्षा-कक्ष के बाहर कूड़ेदान की व्यवस्था है जिसमें कूड़ा डालने के लिये प्रेरित किया जाता है।
इन सब प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि बच्चे विद्यालय के साथ घर के आस-पास भी साफ सफाई भी रखने लगे।
✡2-अध्यापन के तरीकों एवं कक्षा संचालन में प्रयास👈
मैंने बच्चों की समझ को विकसित करने के लिये व्यवहारिकता पर जोर दिया। अध्यापन के तरीकों के लिये किये गए प्रयास निम्नलिखित हैं -
👉अ)-Open Test Book:-
सप्ताह में एक बार प्रत्येक विषय का एक बार open book test कराया जाता है जिसमें उन्हें उस विषय की अपने नोट्स देखने की अनुमति रहती है। प्रश्न इस प्रकार बनाये जाते हैं कि वे ही बच्चे हल कर सकते हैं जिन्हें इन विषयों की समझ हो।
इस तरह से बच्चों में समझने की क्षमता का विकास होता है। इस प्रकार बच्चों में रटने की बजाय समझने की क्षमता विकसित होती है।
👉ब)-विज्ञान विषय के लिये प्रत्येक सप्ताह एक छोटा मॉडल उस टॉपिक से बनवाया जाता है जिससे बच्चों का व्यवहारिकता की ओर रुझान बढ़ता है और विज्ञान विषय को बोझ नही समझता। इस गतिविधि को "activity of week" का नाम दिया जाता है।
👉स)-बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना का उत्पन्न होना अतिआवश्यक है जिससे उनके कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। हर शनिवार को बच्चों को पुरस्कार भी प्रदान किये जाते हैं। यह प्रयास समग्र विषय तथा उनके कार्यो के आधार पर दिया जाता है।
जैसे-
(a)उपस्थिति
(b)open test book marks (c)Model(science)
(d)गृहकार्य
(e)अनुशासन
(f)साफ-सफाई एवं ड्रेस
इन सभी के अलग-अलग 2 अंक निर्धारित करके प्रथम 3 छात्रों को पुरस्कृत किया जाता है।
👉द)-मेरा सबसे महत्वपूर्ण कार्य बालिकाओं के अंदर आत्म विश्वास और आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रतिदिन प्रेरित करना है। उनके लिये उन्हें गृहकार्य में निपुणता प्रदान करने का प्रयास करती हूं। मैं उनके अभिभावकों से मिलकर उनकी शिक्षा आगे जारी रखने के लिये प्रेरित करती हूं।
Ministry of child and woman development ke Nari Portal से जानकारी एकत्र कर उन्हें स्वावलंबी बनाने का प्रयत्न करती हूँ। बच्चों को मेरे द्वारा सिलाई, कढ़ाई पेंटिंग एवं क्राफ्ट वर्क भी सिखाया जाता है।
👉ज)-बच्चों में Leadership and communication skill उत्पन्न करने के लिये वाद- विवाद प्रतियोगिता एवं अच्छे वक्ताओं का भाषण भी सुनाया जाता है। बाल संसद का भी गठन किया जाता है।
👉च)-"आओ करके सीखें" एक class period का नाम रखा गया है जिसमें बच्चों को विज्ञान के प्रयोगात्मक कार्य कराये जाते हैं।
✡3-विद्यालय में कुछ प्रयास:-👈
👉a-विद्यालय में सर जगदीश चन्द्र बसु प्रयोगशाला का निर्माण शासन तथा विभाग की तरफ से हमारे विद्यालय में विज्ञान प्रयोगशाला के लिये धनराशि स्वीकृत की गई। जिससे हमारा कार्य आसान हो गया।
हमने प्रयोगशाला के लिये 68.88% धनराशि की मदद से हमको प्रयोगशाला के मूलभूत सामान 2 आलमारी,1 टेबल 2 रैक प्रदान किया गया तथा शेष धनराशि से लगभग 31.22% यानी 14000 रुपये की स्वायत्तता प्रदान की जिससे मैंने जनपद की प्रथम प्रयोगशाला का निर्माण करवाया।जिसका उदघाटन क्षेत्र के विधायक माननीय श्री चंद्रिका प्रसाद जी एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा सर जगदीश चन्द्र बसु के जन्मदिवस (30नवंबर) के अवसर पर किया गया तथा उन्हीं के नाम पर मैंने अपनी प्रयोगशाला का नाम भी "जगदीश चन्द्र बसु विज्ञान प्रयोगशाला " रखा।
👉b-बाउंड्रीवाल का निर्माण :-
मेरा विद्यालय मुख्य सड़क के बिल्कुल बगल में है लेकिन विद्यालय में बाउंड्रीवाल न होने से असुरक्षा की भावना सी महसूस होती थी। रात्रि में जानवरों का जमावड़ा हो जाता था जिससे पूरा प्रांगण गन्दा हो जाता था। अतः बाउंड्रीवाल आवश्यक था।
विज्ञान प्रयोगशाला के उदघाटन के दिन मैंने विधायक जी को इस समस्या से अवगत कराया। इन्होंने इसे गम्भीरता से सुना और जल्दी ही बनवाने का आश्वासन भी दिया तथा विभाग ने कुछ ही दिन में संज्ञान में लेकर धनराशि की व्यवस्था की जिससे जनपद की सबसे आधुनिक बॉउंड्रीवाल का निर्माण हो पाया।
👉c- खेलकूद सामग्री की व्यवस्था- बच्चो में खेलकूद से टीम भावना का विकास होता है इसके लिये अध्यापक से कहकर मैंने खेलकूद के सामान की व्यवस्था करायी गई।
इन सब प्रयासों के लिये बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक श्री सर्वेंद्र विक्रम सिंह जी ने भी ट्विटर के माध्यम से सराहना की।
✡4)-Awards/Functions:-👈
👉a)- विद्यालय को अपने कार्यो के लिये जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान प्रदान किया गया।
👉B)-जनपद स्तर पर की विज्ञान प्रतियोगिता जिसमें कक्षा 12 तक के छात्र सम्मिलित थे विद्यालय के बच्चों द्वारा बनाये गए मॉडल को संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान तथा जूनियर स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
✡5)-Yoga Class:- 👈
बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य एवं मन के लिये सप्ताह में दो दिन योग करना तथा उनके फायदे बताकर प्रेरित करती हूँ।
✡6)-विद्यालय के लिये मेरे भविष्य के दृष्टिकोण :-👈
विद्यालय के आधुनिकीकरण के लिये मैं विद्यालय में कंप्यूटर लैब एवं आधुनिक स्मार्ट कक्षाएं (Digital board, projector ) एवं छोटे पुस्तकालय का निर्माण भविष्य में कराना चाहूँगी।
बहुत-बहुत धन्यवाद बहन जी
मिशन शिक्षण संवाद की ओर से आपको सहयोगी विद्यालय परिवार सहित उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण मानते हों और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा के उत्थान एवं शिक्षक के सम्मान की रक्षा के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर, मिशन शिक्षण संवाद के अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में सहयोगी बनकर, शिक्षक स्वाभिमान की रक्षा के लिए आगे बढ़ें। हमें विश्वास है कि अगर आप सब अनमोल रत्न शिक्षक साथी हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
👫 आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक साथी प्रेरक कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण, ऑडियो, वीडियो और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 एवं ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।
साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०
निवेदन:- मिशन शिक्षण संवाद की समस्त गतिविधियाँ निःशुल्क, स्वैच्छिक एवं स्वयंसेवी हैं। जहाँ हम आप सब मिलकर शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसलिए यदि कहीं कोई लोभ- लालच या पद प्रतिष्ठा की बात कर, अपना व्यापारिक हित साधने की कोशिश कर रहा हो, तो उससे सावधान रह कर टीम मिशन शिक्षण संवाद को मिशन के नम्बर-9458278429 पर अवश्य अवगत करा कर सहयोग करें।
धन्यवाद अनमोल रत्न शिक्षक साथियों🙏🙏🙏
विमल कुमार
कानपुर देहात
16/04/2018
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मित्रों आज के परिचय में हम आपको बता रहे हैं। भगवान कामता नाथ की नगरी जनपद-चित्रकूट से अनमोल रत्न एक ऐसी आदर्श शिक्षिका बहन दीपिका सिंह जी से, जिन्होंने अपनी कार्य कुशलता से वह सभी कारकों को अपने विद्यालय में सामाजिक सहभागिता और सकारात्मक सोच से जीवन्त बनाया। जिन्हें किसी भी विद्यालय के उत्थान के लिए आवश्यक कहा जा सकता है।
इसलिए आइए हम सब एक बार जरूर पढ़े और देखें बहन जी के अनुकरणीय एवं प्रेरक कार्यों के कुछ अनमोल बिन्दुओं को:-
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मेरा नाम दीपिका सिंह है। मैं अपनी सेवा पूर्व माध्यमिक विद्यालय प्रसिद्धपुर ब्लॉक-पहाड़ी जनपद -चित्रकूट में सन्-2015 से विज्ञान अध्यापक के रूप में देना आरम्भ किया। यह अवसर प्रदान करने के लिये मैं उत्तर प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग को धन्यवाद देना चाहती हूँ।
मेरे द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये गए प्रयासों में से कुछ निम्न है-
✡1-अनुशासन के क्षेत्र में👈
👉a)-विद्यालय में आने के बाद मैंने सबसे पहले बच्चों को सिखाया की अनुशासन में रहकर कैसे विकास किया जाता है। उसके लिये मैंने बच्चों को समय से विद्यालय आने पर जोर दिया। विद्यालय में कक्षा- कक्ष में जूते चप्पल न पहनने के लिये कहा तथा कक्षा के बाहर ही उन्हें क्रम से लगाने के लिये प्रेरित किया।
👉b)-प्रतिदिन विद्यालय में प्रार्थना सभा में अलग -अलग तरह की प्रार्थना करवाई जाती हैं। प्रार्थना के साथ गायत्री मंत्र ,श्लोक का उच्चारण एवं दोहे का भी अभ्यास कराया जाता है, जिससे उन सभी को दोहे श्लोक याद भी हो गए हैं।
👉c)- मध्याह्न काल में किसी को बिना हाथ धुले भोजन नहीं करने दिया जाता। हाथ धोने के लिये डेटॉल की भी व्यवस्था रहती है। भोजन के पहले भोजन मंत्र भी बच्चों द्वारा कराया जाता है।
👉d)-बच्चों के साफ -सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है बच्चों के नाखून व व्यक्तिगत सफाई के लिये जागरूक किया जाता है। प्रत्येक कक्षा-कक्ष के बाहर कूड़ेदान की व्यवस्था है जिसमें कूड़ा डालने के लिये प्रेरित किया जाता है।
इन सब प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि बच्चे विद्यालय के साथ घर के आस-पास भी साफ सफाई भी रखने लगे।
✡2-अध्यापन के तरीकों एवं कक्षा संचालन में प्रयास👈
मैंने बच्चों की समझ को विकसित करने के लिये व्यवहारिकता पर जोर दिया। अध्यापन के तरीकों के लिये किये गए प्रयास निम्नलिखित हैं -
👉अ)-Open Test Book:-
सप्ताह में एक बार प्रत्येक विषय का एक बार open book test कराया जाता है जिसमें उन्हें उस विषय की अपने नोट्स देखने की अनुमति रहती है। प्रश्न इस प्रकार बनाये जाते हैं कि वे ही बच्चे हल कर सकते हैं जिन्हें इन विषयों की समझ हो।
इस तरह से बच्चों में समझने की क्षमता का विकास होता है। इस प्रकार बच्चों में रटने की बजाय समझने की क्षमता विकसित होती है।
👉ब)-विज्ञान विषय के लिये प्रत्येक सप्ताह एक छोटा मॉडल उस टॉपिक से बनवाया जाता है जिससे बच्चों का व्यवहारिकता की ओर रुझान बढ़ता है और विज्ञान विषय को बोझ नही समझता। इस गतिविधि को "activity of week" का नाम दिया जाता है।
👉स)-बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना का उत्पन्न होना अतिआवश्यक है जिससे उनके कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। हर शनिवार को बच्चों को पुरस्कार भी प्रदान किये जाते हैं। यह प्रयास समग्र विषय तथा उनके कार्यो के आधार पर दिया जाता है।
जैसे-
(a)उपस्थिति
(b)open test book marks (c)Model(science)
(d)गृहकार्य
(e)अनुशासन
(f)साफ-सफाई एवं ड्रेस
इन सभी के अलग-अलग 2 अंक निर्धारित करके प्रथम 3 छात्रों को पुरस्कृत किया जाता है।
👉द)-मेरा सबसे महत्वपूर्ण कार्य बालिकाओं के अंदर आत्म विश्वास और आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रतिदिन प्रेरित करना है। उनके लिये उन्हें गृहकार्य में निपुणता प्रदान करने का प्रयास करती हूं। मैं उनके अभिभावकों से मिलकर उनकी शिक्षा आगे जारी रखने के लिये प्रेरित करती हूं।
Ministry of child and woman development ke Nari Portal से जानकारी एकत्र कर उन्हें स्वावलंबी बनाने का प्रयत्न करती हूँ। बच्चों को मेरे द्वारा सिलाई, कढ़ाई पेंटिंग एवं क्राफ्ट वर्क भी सिखाया जाता है।
👉ज)-बच्चों में Leadership and communication skill उत्पन्न करने के लिये वाद- विवाद प्रतियोगिता एवं अच्छे वक्ताओं का भाषण भी सुनाया जाता है। बाल संसद का भी गठन किया जाता है।
👉च)-"आओ करके सीखें" एक class period का नाम रखा गया है जिसमें बच्चों को विज्ञान के प्रयोगात्मक कार्य कराये जाते हैं।
✡3-विद्यालय में कुछ प्रयास:-👈
👉a-विद्यालय में सर जगदीश चन्द्र बसु प्रयोगशाला का निर्माण शासन तथा विभाग की तरफ से हमारे विद्यालय में विज्ञान प्रयोगशाला के लिये धनराशि स्वीकृत की गई। जिससे हमारा कार्य आसान हो गया।
हमने प्रयोगशाला के लिये 68.88% धनराशि की मदद से हमको प्रयोगशाला के मूलभूत सामान 2 आलमारी,1 टेबल 2 रैक प्रदान किया गया तथा शेष धनराशि से लगभग 31.22% यानी 14000 रुपये की स्वायत्तता प्रदान की जिससे मैंने जनपद की प्रथम प्रयोगशाला का निर्माण करवाया।जिसका उदघाटन क्षेत्र के विधायक माननीय श्री चंद्रिका प्रसाद जी एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा सर जगदीश चन्द्र बसु के जन्मदिवस (30नवंबर) के अवसर पर किया गया तथा उन्हीं के नाम पर मैंने अपनी प्रयोगशाला का नाम भी "जगदीश चन्द्र बसु विज्ञान प्रयोगशाला " रखा।
👉b-बाउंड्रीवाल का निर्माण :-
मेरा विद्यालय मुख्य सड़क के बिल्कुल बगल में है लेकिन विद्यालय में बाउंड्रीवाल न होने से असुरक्षा की भावना सी महसूस होती थी। रात्रि में जानवरों का जमावड़ा हो जाता था जिससे पूरा प्रांगण गन्दा हो जाता था। अतः बाउंड्रीवाल आवश्यक था।
विज्ञान प्रयोगशाला के उदघाटन के दिन मैंने विधायक जी को इस समस्या से अवगत कराया। इन्होंने इसे गम्भीरता से सुना और जल्दी ही बनवाने का आश्वासन भी दिया तथा विभाग ने कुछ ही दिन में संज्ञान में लेकर धनराशि की व्यवस्था की जिससे जनपद की सबसे आधुनिक बॉउंड्रीवाल का निर्माण हो पाया।
👉c- खेलकूद सामग्री की व्यवस्था- बच्चो में खेलकूद से टीम भावना का विकास होता है इसके लिये अध्यापक से कहकर मैंने खेलकूद के सामान की व्यवस्था करायी गई।
इन सब प्रयासों के लिये बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक श्री सर्वेंद्र विक्रम सिंह जी ने भी ट्विटर के माध्यम से सराहना की।
✡4)-Awards/Functions:-👈
👉a)- विद्यालय को अपने कार्यो के लिये जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान प्रदान किया गया।
👉B)-जनपद स्तर पर की विज्ञान प्रतियोगिता जिसमें कक्षा 12 तक के छात्र सम्मिलित थे विद्यालय के बच्चों द्वारा बनाये गए मॉडल को संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान तथा जूनियर स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
✡5)-Yoga Class:- 👈
बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य एवं मन के लिये सप्ताह में दो दिन योग करना तथा उनके फायदे बताकर प्रेरित करती हूँ।
✡6)-विद्यालय के लिये मेरे भविष्य के दृष्टिकोण :-👈
विद्यालय के आधुनिकीकरण के लिये मैं विद्यालय में कंप्यूटर लैब एवं आधुनिक स्मार्ट कक्षाएं (Digital board, projector ) एवं छोटे पुस्तकालय का निर्माण भविष्य में कराना चाहूँगी।
बहुत-बहुत धन्यवाद बहन जी
मिशन शिक्षण संवाद की ओर से आपको सहयोगी विद्यालय परिवार सहित उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण मानते हों और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा के उत्थान एवं शिक्षक के सम्मान की रक्षा के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर, मिशन शिक्षण संवाद के अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में सहयोगी बनकर, शिक्षक स्वाभिमान की रक्षा के लिए आगे बढ़ें। हमें विश्वास है कि अगर आप सब अनमोल रत्न शिक्षक साथी हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
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👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक साथी प्रेरक कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
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विमल कुमार
कानपुर देहात
16/04/2018
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