विषय- संस्कृत, प्रकरण- सन्धियों का पुनर्अभ्यास(व्याकरण) शीट क्रमांक -25/2025, दैनिक संस्कृत शिक्षण
क्रमांक - 25/2025
#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण (अभ्यास कार्य)
दिनांक- 04/09/2025
दिन- गुरुवार
प्रकरण- #व्याकरण
सन्धियों का पुनर्अभ्यास
--------------------------
फेसबुक पर देखने व फीडबैक देने हेतु क्लिक करें!👇
https://www.facebook.com/share/p/1JjGmtU14z/
आइए आज हमसब व्यञ्जन सन्धि का अभ्यास करते हैं-
श्चुत्व सन्धि - स्तोः श्चुना श्चुः - स् तथा तवर्ग (त, थ, द, ध, न) के स्थान पर श् तथा चवर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) हो जाता है बाद में श् तथा चवर्ग के रहने पर।
कस् + चित् = कश्चित्
सत् + चित् = सच्चित्
बालस् + शेते = बालश्शेते
सद् + जनः = सज्जनः
जश्त्व सन्धि - झलां जशोऽन्ते- पदान्त झल् वर्णों (वर्ग का प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ वर्ण एवं श, ष, स, ह) के स्थान पर जश् वर्ण (ज, ब, ग, ड, द अर्थात् अपने वर्ग का तृतीय वर्ण) हो जाता है।
वाक् + ईशः = वागीशः
सत् + आचारः = सदाचारः
अनुस्वार सन्धि- मोऽनुस्वारः - पदान्त म् को अनुस्वार हो जाता है, बाद में हल् (व्यंजन) वर्ण के रहने पर।
कार्यम् + कुरु = कार्यं कुरु
सत्यम् + वद = सत्यं वद।
ध्यान रखो पदान्त 'म्' के बाद स्वर वर्ण हैं तो अनुस्वार 'म्' नहीं रहेगा बल्कि 'म्' को लिखना होगा जैसे
अहम् + अस्मि = अहम् अस्मि
किम् + इच्छसि = किम् इच्छसि
अभ्यास प्रश्न- हल
सन्धि-विच्छेद करो-
गजश्चलति - गजः + चलति
रामश्शेते - रामः + शेते
चिदानन्दः - चित् + आनन्द
षडेव - षट् + एव
सुबन्तः - सुप् + अन्तः
उद्देश्यम् - उत् + देश्यम्
एकं मित्रम् - एकम् + मित्रम्
इदं पर्वम् - इदम् + पर्वम्
जगदीश्वरः - जगत् + ईश्वरः
तकनीकी सहयोगी एवं प्रमुख सहयोगी- #माया_त्रिपाठी #भदोही
एवं
#जुगल_किशोर_त्रिपाठी #झाॅंसी
संकलन:- #टीम_मिशन_शिक्षण_संवाद
#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण
✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️

Comments
Post a Comment