विषय- संस्कृत, प्रकरण- सन्धियों का पुनर्अभ्यास(व्याकरण) शीट क्रमांक -25/2025, दैनिक संस्कृत शिक्षण

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क्रमांक - 25/2025

#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण (अभ्यास कार्य)

दिनांक- 04/09/2025 

दिन- गुरुवार 

प्रकरण- #व्याकरण

सन्धियों का पुनर्अभ्यास 

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आइए आज हमसब व्यञ्जन सन्धि का अभ्यास करते हैं-

श्चुत्व सन्धि - स्तोः श्चुना श्चुः -  स् तथा तवर्ग (त, थ, द, ध, न) के स्थान पर श् तथा चवर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) हो जाता है बाद में श् तथा चवर्ग के रहने पर।

 कस् + चित् = कश्चित्

सत् + चित् = सच्चित्

बालस् + शेते = बालश्शेते

सद् + जनः = सज्जनः

जश्त्व सन्धि - झलां जशोऽन्ते- पदान्त झल् वर्णों (वर्ग का प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ वर्ण एवं श, ष, स, ह) के स्थान पर  जश् वर्ण (ज, ब, ग, ड, द अर्थात् अपने वर्ग का तृतीय वर्ण) हो जाता है।

वाक् + ईशः = वागीशः

सत् + आचारः = सदाचारः


अनुस्वार सन्धि- मोऽनुस्वारः - पदान्त म्  को अनुस्वार हो जाता है, बाद में हल् (व्यंजन) वर्ण के रहने पर।

कार्यम् + कुरु = कार्यं कुरु

सत्यम् + वद = सत्यं वद।

ध्यान रखो पदान्त 'म्' के बाद स्वर वर्ण हैं तो  अनुस्वार 'म्' नहीं रहेगा बल्कि 'म्' को लिखना होगा जैसे 

अहम् + अस्मि = अहम् अस्मि

किम् + इच्छसि = किम् इच्छसि 

         

अभ्यास प्रश्न- हल

सन्धि-विच्छेद करो-

गजश्चलति - गजः + चलति

रामश्शेते -   रामः + शेते

चिदानन्दः -  चित् + आनन्द

षडेव -       षट् + एव

सुबन्तः -    सुप् + अन्तः

उद्देश्यम् -   उत् + देश्यम्

एकं मित्रम् - एकम् + मित्रम्

इदं पर्वम् -    इदम् + पर्वम्

जगदीश्वरः -  जगत् + ईश्वरः

      

तकनीकी सहयोगी एवं प्रमुख सहयोगी- #माया_त्रिपाठी #भदोही

एवं

#जुगल_किशोर_त्रिपाठी #झाॅंसी 


संकलन:- #टीम_मिशन_शिक्षण_संवाद

#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण


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