विषय- संस्कृत, प्रकरण- व्याकरण (कारक और विभक्ति) शीट क्रमांक -32/2025, दैनिक संस्कृत शिक्षण


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क्रमांक - 32/2025

#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण (अभ्यास कार्य)

दिनांक- 19/09/2025 

दिन- शुक्रवार 

प्रकरण- #व्याकरण (कारक और विभक्ति)

अभ्यास कार्य 

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बच्चों! कल हम सबने कर्ता और कर्म कारक यानि प्रथमा और द्वितीया विभक्ति के बारे में समझा। बच्चों! विभक्तियों को भी जान लीजिए विभक्तियाँ सात होती हैं।

आज हम आगे की विभक्तियों  और उनके कारक चिन्ह के बारे में जानेंगे।

करण- क्रिया की सिद्धि में कर्ता के लिए जो  सहायक होता है उसे करण कारक कहते हैं। करण कारक का चिन्ह से के द्वारा है, जैसे - 

रमेशः कलमेन लिखति।

(रमेश कलम से लिखता है)

मोहनः कर्णेन बधिरः अस्ति।

(मोहन कान से बहरा है।)

चिह्नों के अतिरिक्त तृतीया विभक्ति के कुछ अन्य नियम भी हैं जिनमें करण कारक का प्रयोग किया जाता है, जैसे - सह,साकम्, समम् , सार्धम् '(साथ)' अंग विकार में 'अंगवाचक' शब्द तथा 'बिना' के योग में करण कारक होता है।

रामः लक्ष्मणेन सह वनम् अगच्छत्।

(राम लक्ष्मण के साथ वन गये।)

बालकः नेत्रेण काणः अस्ति।

(बालक आँख से अँधा है।)


मुकुलः मित्रेण बिना न गच्छति।

(मुकुल मित्र के बिना नहीं जाता है।)


अभ्यास प्रश्न-

प्रश्न 1- करण कारक का क्या चिह्न है तथा कौन सी विभक्ति है?


प्रश्न 2 - 'सह' के अर्थ में कौन सी विभक्ति है? उदाहरण द्वारा समझाओ।


प्रश्न 3 - अंग विकार में कौन सी विभक्ति होती है? उदाहरण सहित समझाओ। 


प्रश्न 4 - निम्नलिखित वाक्यों में तृतीया विभक्ति के शब्दों को छाँटकर लिखो-

(क)- सः नेत्रेण पश्यति।

(ख)- रीना पादेन खञ्जः नास्ति।

(ग)- सोहनः रामेण सह पठति।

(घ)- सीता रामेण सह/ साकं अगच्छत्।

(ङ)-  राधिका मुखेन सुन्दरी अस्ति।


प्रश्न 5 - निम्नलिखित शब्दों को तृतीया विभक्ति में लिखो- 

रामः, नेत्रम्, पुस्तकम् , वनम्, हस्तः।


तकनीकी सहयोगी एवं प्रमुख सहयोगी- #माया_त्रिपाठी #भदोही

एवं

#जुगल_किशोर_त्रिपाठी #झाॅंसी 


संकलन:- #टीम_मिशन_शिक्षण_संवाद

#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण


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