160/2025, बाल कहानी - 27 सितम्बर



बाल कहानी - मिशन शक्ति की नायिकायें
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आज गौरैया इण्टर काॅलेज गैराहा (बँगरा) का सभा-कक्ष तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज रहा था। आज मिशन शक्ति के तहत संस्कृति को एक दिन का प्रधानाचार्य का पद देने के लिए नामित किया गया था। संस्कृत के नाम का प्रस्ताव प्रबन्धक डाॅ० सत्येंद्र सिंह ने किया था। प्रधानाचार्य सहित समस्त स्टाफ ने उसका अनुमोदन किया। तत्पश्चात संस्कृति को सभी ने प्रधानाचार्य की कुर्सी पर बैठाया।
आज संस्कृति बहुत खुश थी। वह एक होनहार और कर्तव्य-परायण छात्रा थी। अपने उत्तरदायित्व को भली-भाँति समझती थी। वहाँ उपस्थित सभी कर्मचारियों ने उसका स्वागत किया।
संस्कृति ने सर्वप्रथम कर्मचारियों की उपस्थिति रजिस्टर का अवलोकन किया, फिर कक्षाओं का निरीक्षण किया और मेधावी और कमजोर छात्रों की जानकारी लेकर उन्हें अलग-अलग बैठने को कहा तथा शिक्षकों को इनकी अलग से पढ़ाई कराने के लिए निर्देशित किया। निरीक्षण के उपरान्त कक्षाओं में मिली शिकायतों के निस्तारण के लिए सभी के साथ विचार-विमर्श किया और आवश्यक निर्देश दिए। प्रबन्धक ने शीघ्र ही समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया। 
घर आने पर सभी मुहल्ले वालों ने संस्कृति को बधाई दी। संस्कृति के स्कूल के प्रधानाचार्य भी उसे बधाई देने और मिठाई खिलाने के लिए उसके घर आये। उन्होंने संस्कृति के माता-पिता और वहाँ उपस्थित सभी लोगों और बच्चों से कहा कि, "हमें सभी बच्चों को इस योग्य बनाना चाहिए कि वह कोई भी उत्तरदायित्व भली-भाँति हँसकर सँभाल सकें और उसे पूरा कर सकें। इस समय मिशन शक्ति के तहत विभिन्न स्कूलों में ये कार्यक्रम जगह-जगह चल रहे हैं। समथर, सकरार, मोंठ, चिरगाँव, मऊरानीपुर में भी इस के कार्यक्रम हुए हैं।"
"इन नगरों में किन-किन बच्चों को मिशन शक्ति का नायक बनाया गया?" वहाँ उपस्थित ग्राम प्रधान ने पूछा!
"समथर में नगर के महाराजा वीरसिंह राजकीय इण्टर काॅलेज में कक्षा ग्यारह की छात्रा मधु गौतम को, मोंठ में हाईस्कूल में टाॅप करने वाली छात्रा अनामिका कुशवाहा, टीकाराम यादव महाविद्यालय की छात्रा माण्डवी पाल को, चिरगाँव में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त विद्यापीठ इण्टर काॅलेज दसवीं में सर्वोच्च अंक पाने वाली प्रिन्सी पाल को एक दिन का प्रधानाचार्य बनाया गया। इन सबने अपने कार्य का अच्छी तरह से निर्वहन किया प्रधानजी!"
"ये विद्यालयों में अच्छा काम हो रहा है। हमारे यहाँ थानों में भी मिशन शक्ति के तहत सभी बच्चियों, महिलाओं को विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी और उनके विषय में बताया जा रहा है। अभी दो दिन पहले थाना प्रभारी ने उच्च प्राथमिक विद्यालय की छात्राओं को बुलाकर मुख्यमन्त्री का वीडियो दिखाकर सभी नंबरों और योजनाओं की जानकारी दी थी।"
बहुत सुन्दर प्रधानजी! अब हमें लगता है कि हमारा भारत चमक रहा है। वह दिन दूर नहीं, जब वह अपने पैरों पर खड़ा होगा। भारत विश्व में तेजी से बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभर रहा है और इसमें हमारे इन नौनिहालों का ही योगदान होगा। क्यों बच्चों!" प्रधानाचार्य की बात सुनकर सभी बच्चे एक साथ बोले, "हाँ, सर! हम आगे बढ़ेंगे और बढ़ते रहेंगे। मिलकर चलेंगे।"
"बहुत-बहुत बधाई हो आप सभी को! बहुत सुन्दर! बहुत सुन्दर बच्चों! अच्छा प्रधानजी! अब मुझे आज्ञा दें।"
प्रधानाचार्य जाते-जाते लौटकर देखते तो पाते कि सभी बच्चे और लोग उनका हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे हैं। वह भी सबका अभिवादन कर बढ़ते जा रहे थे।

#संस्कार_सन्देश -
हमें निरन्तर स्वयं की और अपने देश की उन्नति का साथ-साथ ध्यान रखना चाहिए।

कहानीकार-
#जुगल_किशोर_त्रिपाठी (शि०मि०)
प्रा० वि० बम्हौरी (कम्पोजिट)
मऊरानीपुर, झाँसी (उ०प्र०)

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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