विषय- संस्कृत, प्रकरण- व्याकरण (कारक और विभक्ति) शीट क्रमांक -36/2025, दैनिक संस्कृत शिक्षण
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क्रमांक- 36/2025
#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण (अभ्यास कार्य)
दिनांक- 29/09/2025
दिन- सोमवार
प्रकरण- #व्याकरण (कारक और विभक्ति)
अभ्यास कार्य- सप्तमी विभक्ति
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सप्तमी विभक्ति-
अधिकरण कारक- जिस शब्द से क्रिया के आधार (स्थान और समय) का पता चलता है उसमें सप्तमी विभक्ति अधिकरण कारक का प्रयोग किया जाता है इसका चिन्ह है में, पे, पर।
जैसे- जले मत्स्याः सन्ति।
(पानी में मछलियाँ हैं)
इस वाक्य में मछलियों का आधार जल है इसलिए जल में सप्तमी भक्ति का प्रयोग किया गया है।
अनेक में से किसी को श्रेष्ठतम बताने में जिसमें श्रेष्ठ बताया जाए उसमें षष्ठी और सप्तमी दोनों विभक्तियाँ होती हैं, जैसे-
छात्राणां/ छात्रेषु वा रमेशः श्रेष्ठः अस्ति।
(छात्रों में रमेश श्रेष्ठ है)
नदीनाम्/नदीषु वा गंगा नदी श्रेष्ठा अस्ति।
(नदियों में गंगा नदी श्रेष्ठ है)
स्नेह, कुशल और निपुण के योग में अधिकरण कारक होता है।
राधा गायने प्रवीणा अस्ति।
(राधा गाने में प्रवीण है) गाने में प्रवीण।
सः स्वकार्ये कुशलः अस्ति।
(वह अपने कार्य में कुशल है) अपने कार्य में कुशलता।
माता पुत्रे स्निह्यति।
(माता पुत्र पर स्नेह करती है।)
अभ्यास प्रश्न-
1-निम्नलिखित वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करो-
(क)- पेड़ पर पक्षी है ।
(ख)- गुरु शिष्य पर स्नेह करते हैं ।
(ग)- तालाब में मछलियाँ हैं
(घ)- विद्यालय में कुशल अध्यापक हैं ।
2- निम्नलिखित शब्दों में सप्तमी विभक्ति के तीनों वचन का प्रयोग करो-
मार्ग, राज्य, कार्यालय, गीता, पुस्तक।
3- निम्नलिखित शब्दों में सप्तमी भक्ति का प्रयोग करते हुए वाक्य निर्माण करो -
गृहम्, स्नैहः, कुशलः, प्रवीणा, नगरेषु।
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#जुगल_किशोर_त्रिपाठी #झाँसी
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संकलन:-
#टीम_मिशन_शिक्षण_संवाद
#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण
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