विषय- संस्कृत, प्रकरण- व्याकरण (कारक और विभक्ति) शीट क्रमांक -34/2025, दैनिक संस्कृत शिक्षण
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क्रमांक- 34/2025
#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण (अभ्यास कार्य)
दिनांक- 24/09/2025
दिन- बुधवार
प्रकरण- #व्याकरण (कारक और विभक्ति)
अभ्यास कार्य
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पंचमी विभक्ति-
अपादान कारक- जिससे कोई वस्तु स्थिर जगह से अलग होती है उसमें पंचमी विभक्ति होती है, जैसे- वृक्षात् पत्राणि पतन्ति।
(वृक्ष से पत्ते गिरते हैं) इस वाक्य में पत्ते पेड़ से अलग हो रहे हैं इसलिए वृक्षात् (पेड़ में) पंचमी विभक्ति हुई है।
भय और रक्षा के अर्थ में जिससे डर हो या जिससे बचा जाये उसमें पंचमी विभक्ति होती है, जैसे- सर्पात् विभेति। सर्प से डरता है। इस वाक्य में डरने का काम सर्प से हो रहा है इसलिए सर्पात् सर्प में पंचमी विभक्ति है।
बहिः बाहर के अर्थ में पंचमी विभक्ति होती है।
पृथग्, बिना, नाना के योग में द्वितीया, तृतीया और पंचमी विभक्ति होती है। अपादान कारक का चिन्ह से, अलग होने के अर्थ में होता है।
अभ्यास प्रश्न-
प्रश्न 1- निम्नलिखित शब्दों को पंचमी भक्ति में लिखो-
बालकः, सर्पः, पत्रम् , छात्रा, जननी, द्वारम् , हिमालयः।
प्रश्न 2- निम्नलिखित वाक्यों का हिन्दी में अनुवाद करो-
क- आम्रः वृक्षात् पतति।
ख- बालकः सिंहात् विभेति।
ग- गंगा हिमालयात् निर्गच्छति।
घ- मीना गृहात् आ गच्छति।
ङ- नगरात् पृथक् आश्रमः अस्ति।
च- ग्रामात् बहिः विद्यालयः अस्ति।
प्रश्न 3- निम्नलिखित वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करो-
क- वृक्ष से फल गिरते हैं।
ख- राम गाँव से आता है।
ग- बालक माता से डरता है
घ- नगर से बाहर नदी है।
ङ्- वह मित्र के बिना नहीं जाता है।
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एवं
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संकलन:- #टीम_मिशन_शिक्षण_संवाद
#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण
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