155/2025, बाल कहानी- 22 सितम्बर


बाल कहानी- झपकी
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कीरतपुर गाँव में एक परिवार रहता था। उस परिवार के मुखिया का नाम महावीर सिंह था। उनके दो पुत्र थे। कुछ समय पश्चात उनके घर में एक बालक का जन्म हुआ। जब बालक बड़ा हो गया, तब एक दिन महावीर सिंह बोले, "चलो, बेटा! हम सब लोग इस बालक का मुण्डन कराकर लाते हैं।" उनके पुत्र बोले, "ठीक है पिताजी! जब आपका आदेश है, तो हम चलने के लिए तैयार हैं। इसके लिए हम पहाड़ों वाली माता रानी के पास चलेंगे।" 
एक दिन महावीर सिंह ने पन्डित जी से कहकर मुण्डन के लिए शुभ मुहूर्त निकलवा लिया। महावीर सिंह ने कहा, "कल हम सभी लोग मुण्डन करवाने के लिए माता रानी के मन्दिर चलेंगे, सब लोग तैयार रहना।" 
ऐसा कहकर महावीर सिंह गाँव में निकल गये। गाँव में जाकर उन्होंने उस व्यक्ति की तलाश की, जो अपनी कार से सभी व्यक्तियों को माता रानी के मन्दिर ले जा सके। उन्होंने गाँव में रहने वाले युवक रोनी से बात की, जो कि अपनी कार से बुकिंग के द्वारा सभी को ले जाया करता था।
महावीर सिंह जी चाहते थे कि वह अति शीघ्र मुण्डन कराकर वापस घर आ जाएँ। उन्होंने रोनी से कहा, "हमें अधिक जल्दी है, हमें तुरन्त घर वापस भी आना है। हमारा कार्य सम्पन्न होते ही तुरन्त वापस आना होगा।" 
रोनी नामक युवक अति उत्साहित था। वो बोला, "मेरे हाथों में कार आते ही हवा में उड़ती है, यूँ गये और यूँ वापस आये।"
अगले दिन रोनी महावीर सिंह के परिवार को अपनी कार में बैठाकर माता रानी के मन्दिर जाने के लिए चल पड़ा। 
कई किलोमीटर चलने के बाद भी रोनी कहीं नहीं रुका। देर रात कार में बैठे सदस्य सो गये। 
रात के करीब दो बजे के आसपास रोनी को अचानक से झपकी आ गई और कार अनियन्त्रित होकर खाई में गिर गई। सवेरे आने जाने वाले लोगों ने देखा और पुलिस को सूचना दी। महावीर सिंह के परिवार के सदस्य नहीं बच पाए थे और स्वयं महावीर सिंह बच गए थे, जो जिन्दगी-भर इस दुःख के साथ जियेंगे कि उन्होंने कहीं रास्ते में रूककर रोनी को आराम करने के लिए नहीं कहा, न ही खुद आराम किया। यदि कहीं रुककर आराम कर लेते तो शायद यह हादसा नहीं होता और परिवार वाले सदस्य साथ होते। अब महावीर सिंह घर में अकेले बैठे रहते हैं और जो भी व्यक्ति आता है, उसे यही कहते हैं कि "लम्बा सफर तय करते समय आराम जरूर करना चाहिए और रात में सफर से बचना चाहिए और फिर ख्यालों में डूब जाते हैं।"

#संस्कार_सन्देश- 
चालक को लम्बी दूरी तक लगातार वाहन नहीं चलाना चाहिए, बीच में आराम करना चाहिए।"

#शालिनी (स०अ०)
प्राथमिक विद्यालय न० कूँड
विकासखण्ड- करहल
जनपद-मैनपुरी (उ०प्र०)

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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