शिक्षक

अध्यापक है राष्ट्र निर्माता

सबके जीवन को महकाता है

जीवन की सूनी बगिया में

सुन्दर फूल खिलाता है।।


कच्ची मिट्टी से रच रचकर

वह सुन्दर मूरत बनाता है।

चरित्र निर्माण की सीख देकर

व्यक्तित्व को महान बनाता है।।


अक्षर-अक्षर जोड़ जोड़कर

नित नयी सीख वह देता है

शिक्षा रूपी दीप जलाकर

दिव्य प्रकाश वह करता है


अन्धविश्वाश को मिटाकर

सत्य की राह दिखाता है

अध्यापक है युग निर्माता

समाज में परिवर्तन लाता है।।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।



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