शिक्षक

पा सकूँ निडर, निस्वार्थ राह 

वह पंथ दिया, विश्वास दिया।

माँ-बाप ने जीवन दिया हमें, 

आपने  जीवन प्रकाश दिया।


मन जब विचलित हो जाता है 

कुछ भी न समझ में आता है।

उस पल भी आपकी शिक्षा ने

बेहतर नंबर से पास किया।

 

मैं करूँ नमन हर पल उनका

जिसने हमको आकाश दिया।

पा सकूँ निडर निस्वार्थ राह

वह पंथ दिया विश्वास दिया।

 

धरती सा धैर्य बनाना है

बाधाओं से लड़ जाना है।

हम सबमें है हनुमान सा बल

संग आपके यह एहसास किया।

 

रचयिता
डॉ0 निशा मौर्या, 
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मीरजहांपुर,
विकास खण्ड-कौड़िहार-1,
जनपद-प्रयागराज।

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