जल बहुत अनमोल है
जल बहुत अनमोल है बच्चों
रखो इसे बचाकर बच्चों।
इसकी कीमत को तुम मानो
जल ही जीवन ये तुम जानो।
बूँद-बूँद में है जीवन इसके
बूँद-बूँद को बचा ना है।
जितनी जरूरत प्रयोग करो तुम
बरबाद न एक भी बूँद करो तुम।।
जल है सीमित इस धरती पर
पीने योग्य तो और भी कम।
बर्बाद किया तो पछताओगे
जी न एक पल भी पाओगे।।
आगे आने वाली पीढ़ी को
हम कुछ भी न दे पाएँगे।
जल को अगर बर्बाद किया तो
धरती को वीरान बनाएँगे।।
जल है तो है जीवन अपना
पेड़ और पौधे धरती की शान।
सब कुछ नष्ट हो जाएगा अगर
न रखा जल संरक्षण का ध्यान।।
अब तो जागो तुम इंसान
जल बचाओ बनो महान।
धरती खिलेगी और मुस्काएगी
कर लिया तुमने जो ये काम।।
चलो आज हम कसम ये खाये
जल को बचाये, जीवन को पाये।
धरती की रक्षा धर्म हमारा
पर्यावरण सुरक्षा प्रण हमारा।।
रचयिता
डॉक्टर नीतू शुक्ला,
प्रधान शिक्षक,
मॉडल प्राइमरी स्कूल बेथर 1,
विकास खण्ड-सिकन्दर कर्ण,
जनपद-उन्नाव।
रखो इसे बचाकर बच्चों।
इसकी कीमत को तुम मानो
जल ही जीवन ये तुम जानो।
बूँद-बूँद में है जीवन इसके
बूँद-बूँद को बचा ना है।
जितनी जरूरत प्रयोग करो तुम
बरबाद न एक भी बूँद करो तुम।।
जल है सीमित इस धरती पर
पीने योग्य तो और भी कम।
बर्बाद किया तो पछताओगे
जी न एक पल भी पाओगे।।
आगे आने वाली पीढ़ी को
हम कुछ भी न दे पाएँगे।
जल को अगर बर्बाद किया तो
धरती को वीरान बनाएँगे।।
जल है तो है जीवन अपना
पेड़ और पौधे धरती की शान।
सब कुछ नष्ट हो जाएगा अगर
न रखा जल संरक्षण का ध्यान।।
अब तो जागो तुम इंसान
जल बचाओ बनो महान।
धरती खिलेगी और मुस्काएगी
कर लिया तुमने जो ये काम।।
चलो आज हम कसम ये खाये
जल को बचाये, जीवन को पाये।
धरती की रक्षा धर्म हमारा
पर्यावरण सुरक्षा प्रण हमारा।।
रचयिता
डॉक्टर नीतू शुक्ला,
प्रधान शिक्षक,
मॉडल प्राइमरी स्कूल बेथर 1,
विकास खण्ड-सिकन्दर कर्ण,
जनपद-उन्नाव।
Nice poems
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