आनन्दम् पाठ्यचर्या

आनन्दम् आनन्दम् आनन्दम् आनन्दम्
आओ देखें कैसा है अपना ये आनन्दम्।

प्रेम है, सौहार्द है, परमानन्द है आनन्दम्
साहस, दया, कृतज्ञता विनम्रता है आनन्दम्।

गुरुजनों और स्वयं का सम्मान है आनन्दम्
सबके सजग रहने का वरदान  है आनन्दम् ।

 सुनने मे सजगता सिखाता है आनन्दम्
 देखने मे सजगता सिखाता है आनन्दम्

विचारों के प्रवाह मे सजगता है आनन्दम्।
चित्रों की बनावट मे सजगता है आनन्दम्।

वर्तमान मे रहना सिखाता है आनन्दम्
मन मस्तिष्क सशक्त बनाता है आनन्दम्।

रोचक कहानियों से मन छू जाता आनन्दम्
संवेगों से दिल को खूब लुभाता आनन्दम्।

सच्चे होने का गुण सिखाता है आनन्दम्
अच्छे होने का गुण सिखाता है आनन्दम्।

हाथ पैर का सही तालमेल सिखाता आनन्दम्
खेल खेल मे गतिविधियाँ खूब कराता आनन्दम्।

मिलजुल कर  हँसी खुशी रहना सिखाता आनन्दम्
हम सबको अच्छा इन्सान रोज बनाता आनन्दम्।

रचयिता
प्रेमलता सजवाण,
सहायक अध्यापक,
रा.पू.मा.वि.झुटाया,
विकास खण्ड-कालसी,
जनपद-देहरादून,
उत्तराखण्ड।

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