संत रविदास जी

आओ एक महान संत से मिलें,
मनुष्य रूप में ईश्वर अवतार से मिलें।
मन, कर्म, वचन से जातिवाद मिटाया,
समाज में फैली कुरीति को मिटाया।

बड़े-छोटे के भेद को भुलाया,
सभी को प्यार से गले लगाया।
महाकवि बनें संत रविदास जी,
विश्व ख्याति प्राप्त संत रविदास जी।

कबीरदास जी ने सम्बोधित किया,
"संतन में रविदास" उन्हें कहा।
ज्ञान से अपने समाज को कृतार्थ किया,
धर्म से बड़ा कर्म होता सन्देश दिया।

निर्गुण धारा के ज्ञानाश्रयी कवि,
दैविक शक्ति के ज्ञान की छवि।
समाज कल्याण में जीवन बिताया,
सच्ची ईश्वर भक्ति करने में बिताया।

रविदास जी के बताए मार्ग पर चलें,
मानवता के मार्ग पर हम चलें।
रविदास जयंती पर नमन करें,
हम सभी मिल शत नमन करें।

रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।

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