निष्ठा की सीख निष्ठा प्रशिक्षण

निष्ठा से कर्तव्य को करने की लो ठान,
तभी समझ में आएगा सत्य और ईमान।
वर्ना भटकते ही रहना अपनीं ढींगे मार,
शिक्षक को पीड़ित करेंगे नित्य नए फरमान।।

विद्यालय में प्रवेश कर सोचो हम क्यों आए,
जो हमको करना था क्या आज वो हम कर पाए।
अपना मूल्यांकन स्वयं करो छोड़ो शेखी झूठ,
शिक्षण नवीनता भरा शिक्षक को श्रेष्ठ बनाए।।

सरकारी मद से मिले सुविधा सभी लो जान,
अपने शिक्षण से ही बस परिवर्तन की लो ठान।
सोचो क्यों बिगड़ी शिक्षा, हुई कहाँ पर चूक,
उत्तम अधिगम स्तर दिलवाए शिक्षक को सम्मान।।
                   
रचयिता
श्रीमती नैमिष शर्मा,
एस0आर0 पी0 निष्ठा प्रशिक्षण,
विकास खण्ड-मथुरा,
जिला-मथुरा।
उत्तर प्रदेश।

Comments

Post a Comment

Total Pageviews