आनन्दम

हम तो खुशी-खुशी स्कूल जायेंगे-2
हम तो स्कूल में आनन्द मनायेंगे-2 
हम तो खुशी-खुशी स्कूल जायेंगे।

पहला वादन होगा आनंदम
खुशी-खुशी सीखेंगे सब हम
हम तो स्कूल को आनन्दालय बनायेंगे
हम तो खुशी-खुशी स्कूल जायेंगे।

ध्यान देने की वहाँ बातें होंगी-2
ध्यान से सुनना, देखना, विचारना-2
हमें तो वहाँ माइंडफुलनेस करायेंगे-2

नैतिकता की कहानी सुनेंगे
जीवन में इनको धारण करेंगे
फिर हम तो अच्छे-अच्छे
बहुत अच्छे बन जायेंगे-2
हम तो आचरण को अपने अच्छा बनायेंगे-2
हम तो खुशी-खुशी स्कूल जायेंगे-2

घर में भी हम ये कहानी कहेंगे-2
घर वाले भी इससे शिक्षा लेंगे-2
हम घर को भी आनन्दम बनायेंगे।

हम तो रोचक, मनपसन्द गतिविधि करेंगे-2
साथियों के संग मस्ती करेंगे-2
हम तो खेल-खेल में शिक्षा पा जायेंगे-2

सबका हम सम्मान करेंगे-2
विनम्रता से सबसे मिलेंगे-2
हम तो मिल-जुलकर खुशियाँ मनायेंगे-2
हम तो खुशी-खुशी स्कूल जायेंगे।

समाज की कृतज्ञता प्रकट करेंगे-2
सभी प्राणियों पर दया करेंगे-2
फिर हम तो अच्छे नागरिक कहलायेंगे-2
हम तो खुशी-खुशी स्कूल जायेंगे।

देश की सरहद पर दुश्मन आयें तो-2
हम उन सबको मार गिरायेंगे-2
हम तो देश को अपने बचायेंगे-2
हम तो खुशी-खुशी स्कूल जायेंगे।

रचयिता
सरिता मैंदोला,
रा0 उ0 प्रा0 वि0 गुमखाल,
विकास खण्ड-द्वारीखाल,
जनपद-पौडी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।

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