आनंदम कार्यक्रम
आनंदम तो आनंदम है
खुशियों का समागम है
मूल्यों का उदगम है
शिक्षण का अधिगम है
आनंदम तो आनंदम है।
क्या हैं मूल्य बताये कोई
कक्षा शिक्षण तक पहुँचाए कोई
कल संवर जाए इन नौनिहालों का
आज जो अनजान हैं उन सवालों से
सत्य, अहिंसा, क्षमा, त्याग बताना है
सभी मूल्यों से अवगत कराना है
साहस की शिक्षा देकर इनको
आदर्शों का मार्ग बताना है।
कच्ची मिट्टी के ये नन्हें-नन्हें फरिश्ते
जिस साँचे में ढालें ढल जाएँगे,
जवां होने पर कल, ऐ फरहत" (खुशी)
राष्ट्र का नव निर्माण कराएँगें।
आनंदम तो आनंदम है, खुशियों का समागम है।
रचयिता
फरहत तबस्सुम,
रा0 प्रा0 वि0 कालिका,
विकास खण्ड-धारचूला,
जनपद-पिथौरागढ़,
उत्तराखण्ड।
खुशियों का समागम है
मूल्यों का उदगम है
शिक्षण का अधिगम है
आनंदम तो आनंदम है।
क्या हैं मूल्य बताये कोई
कक्षा शिक्षण तक पहुँचाए कोई
कल संवर जाए इन नौनिहालों का
आज जो अनजान हैं उन सवालों से
सत्य, अहिंसा, क्षमा, त्याग बताना है
सभी मूल्यों से अवगत कराना है
साहस की शिक्षा देकर इनको
आदर्शों का मार्ग बताना है।
कच्ची मिट्टी के ये नन्हें-नन्हें फरिश्ते
जिस साँचे में ढालें ढल जाएँगे,
जवां होने पर कल, ऐ फरहत" (खुशी)
राष्ट्र का नव निर्माण कराएँगें।
आनंदम तो आनंदम है, खुशियों का समागम है।
रचयिता
फरहत तबस्सुम,
रा0 प्रा0 वि0 कालिका,
विकास खण्ड-धारचूला,
जनपद-पिथौरागढ़,
उत्तराखण्ड।
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