अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
8 मार्च को मनाते अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस,
क्यों नहीं मनाते प्रतिदिन महिला दिवस,
माँ, बहन, पत्नी और बेटी के रूप में,
भीतर तक समाई हूँ पुरुषों के अस्तित्व में।
महिला दिवस की थीम इस वर्ष,
समर्पित है महिलाओं के नेतृत्व को,
कोरोना महामारी का मार्मिक दौर भी,
नकार ना सका स्त्रियों के महत्व को।
पैराओलंपिक की निशानेबाज अवनी लेखरा,
नियति को धता बता बन गई गोल्ड विजेता,
फक्र हूँ बाबा का, नहीं हूँ फिक्र,
वह नहीं हूँ जिसका ना आए कहीं जिक्र।
जीवन के किसी भी क्षेत्र में ना मानी कभी थकान,
शस्त्रों से लेकर शास्त्रों तक किया खूब उत्थान,
वंडर वूमन बन भारतीय सेनाओं को दी नई उड़ान,
कस ली कमर और देश को दी एक नई पहचान।
रचयिता
भारती मांगलिक,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट विद्यालय औरंगाबाद,
विकास खण्ड-लखावटी,
जनपद-बुलंदशहर।
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