विश्व वन्यजीव दिवस
वर्ष 2022 की थीम है........
पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रमुख प्रजातियों को पुनः प्राप्त करना।
समुद्र से लेकर हवा में है पक्षियों का बसेरा,
पक्षियों की चहचहाहट के साथ आता है सवेरा।
जीव-जन्तु और राजसी व्हेल से समुद्र है भरा,
जैव विविधताओं, वनस्पतियों से सजी है ये धरा।।
20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा हुई शुरुआत,
हो वन्यजीवों, वनस्पतियों का संरक्षण, तब ही बनेगी बात।
लुप्त होते जीव-जन्तु पेड़, प्रजातियों का जीवन बचाना है,
पारिस्थितिक तंत्र से मानव का सैकड़ों वर्ष पुराना याराना है।।
पिछले वर्ष ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी थी भयानक आग,
जान बचाने को जंगली जानवर रहे थे इधर-उधर भाग।
आग में जल गए बहुत जानवर और ढेरों वनस्पतियाँ,
फिर से पारिस्थितिक तंत्र बनने में लग जाएँगी सदियाँ।।
रचयिता
शालिनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय बनी,
विकास खण्ड-अलीगंज,
जनपद-एटा।
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