रंगों का त्योहार
आई रंगों की देखो बहार है,
होली खुशियों का पावन त्योहार है।
पूड़ी पकवान हम बनाएँगे,
मिलजुल कर हम सब खाएँगे।
गिले शिकवे सब मिटाएँगे,
सबको गले से लगाएँगे।
आई रंगों की.......
रंग गुलाल हम उड़ाएँगे,
गीत खुशी के हम गाएँगे।
यारों संग मौज हम मनाएँगे,
जीवन को सुखमय बनाएँगे।
आई रंगों की.......
परम्पराएँ हम निभाएँगे,
संस्कृति अपनी बचाएँगे।
प्रेम की गंगा बहाएँगे,
धरा को स्वर्ग हम बनाएँगे।
आई रंगों की........
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
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