शत् - शत् नमन

जिन गुरूओं ने, सेवानिवृति पाई है,

उन सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई है।

कई सालों की सेवा देकर, आज ये घडी़ है

अनगिनत बच्चों की आपने,

बगिया जो महकाई है।

अच्छे बुरे का भेद सिखाया,

आगे बढ़ने की राह दिखाई है।

आपके मार्ग दर्शन से उन सबने,

ऊँची मंजिल पाई है।

कामयाबी की राह आपने,

सबकी सरल बनाई है।

कुछ पा गये हैं अपनी मंजिल,

और अभी सब पाएँगे।

आप लोगों के यश को,

वो सारे जग में फैलाऍंगे।

सींचकर गये हो जो बगिया,

अपना प्रभाव दिखाएगी

कामयाबी पाकर वो अपनी

महक सब में फैलाएँगे।

सभी गुरूजनों को, हम सबका 

शत् - शत् नमन् है।

आपकी बगिया के अब,

हम सब भी रखवाले हैं।

मार्ग दर्शन पर आपके,

हम भी चलने वाले हैं।

देना आशीर्वाद हमें,

हम अपना कर्तव्य निभायें,

काटों की राह पाकर भी,

ये फूलवारी महकायें।


रचयिता
दीपा कर्नाटक,
प्रभारी प्रधानाध्यापिका,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय छतौला,
विकास खण्ड-रामगढ़,
जनपद-नैनीताल,
उत्तराखण्ड।

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