विश्व कविता दिवस

विश्व कविता दिवस 21 मार्च को मनाते,

 कविता और किताबों से जुड़ने को यह दिवस मनाते।

मन की भावनाएँ जब कागज पर उतर आतीं,

एक नया रूप लेकर,  सुंदर कविता कहलाती।

गणित को या विज्ञान, अब रटने का न कोई काम

कविता और गतिविधि से, पढ़ते बाल गोपाल।

रंग-बिरंगे चित्रों के साथ, कविता जब पढ़ाई,

निपुण भारत की राह में, खूब तरक्की पाईं।

ऑनलाइन काव्य सम्मेलन कोरोना ने करवाए,

काव्य धारा के प्रति युवाओं के रुझान बढ़ाएँ।

इंटरनेट युग में बच्चों का बचपन बचाएँ,

कविता के द्वारा प्रकृति से प्रेम सिखाएँ।

विश्व कविता दिवस कुछ इस प्रकार मनाएँ,

जरूर कुछ चुनिंदा कविताएँ पढ़ें और सुनाएँ।


रचयिता

भारती मांगलिक,

सहायक अध्यापक,

कम्पोजिट विद्यालय औरंगाबाद,

विकास खण्ड-लखावटी,

जनपद-बुलंदशहर।



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