शहीद दिवस
स्वतंत्रता के संघर्ष में दी जिन्होंने कुर्बानी,
अंग्रेजों को याद दिला दी जिन्होंने नानी।
23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया,
तीन सपूत हुए थे आज के दिन बलिदानी।।
भगत सिंह, सुखदेव ,राजगुरु चूमें फाँसी का फंदा,
देश आजाद कराना ही चुना था उन्होंने धंधा।
शहादत पर कोटि-कोटि नमन मेरा स्वीकार हो,
उनके जज्बे ने कर दिया अंग्रेजों को विचार से अंधा।।
बहुत खास है आज का दिन सितारे चमके थे,
अल्पायु में भारत माँ के तीन बेटे दमके थे।
समर्पित हैं श्रद्धा सुमन उन तीनों के सम्मान में,
माँ भारती के गले के हार के तीन मनके थे।।
सुकून की साँस ले रहे हम, कर्ज है उनका,
यातनाएँ सहकर आजादी दिलाई, नाम लें उनका।
स्वतंत्रता के गीत गाकर फाँसी पर झूल गये,
परतंत्रता का विरोध किया, कर्जदार वतन है उनका।।
बलिदान हम उनका व्यर्थ नहीं जाने देंगे,
खेली खून की होली, तिरंगे में तन रहने देंगे।
वतन की मुहब्बत ने क्या से क्या कर दिया,
मजहब के झगड़े में देश बँटने नहीं देंगे।।
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