शहीद दिवस

देश की आजादी के लिए

हँसते-हँसते मर मिटे थे जो

नमन है उन महान शहीदों को

देश में क्रांति लाने के लिए लड़ रहे थे वो।।


नहीं रास आ रहा था उनको

गुलामी की जंजीर पहनकर जीने में

देश प्रेम की चिंगारी जल रही थी 

महान क्रांतिकारियों के सीने में।।


इंकलाब का नारा देकर

जन-जन में देश प्रेम जगाया

भारत माता के सपूत होने का

शहीदों ने खूब फर्ज निभाया।।


भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की

वह कुर्बानी जाया ना जाएगी

उनकी अमर कहानी सभी के मन में

देश प्रेम का भाव जगाएगी।।


देश को आजादी दिलाने की

जब भी होगी बात

महान क्रांतिकारियों की कुर्बानी

युगों-युगों तक सभी को रहेगी याद।।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।

Comments

Total Pageviews

1165163