शिव महिमा
जो कृपा करें कल्याण करें, वह शक्ति के स्वरुप
वो शिव, भोला, आशुतोष है, बड़ा सुंदर रुप अनूप
एक हाथ में डमरु बाजे, सजे एक हाथ त्रिशूल
बेल, मदार है प्यारा उन्हें, भाये धतूरे का फूल
कालकूट का पान किया तो बन गए वह नीलकंठ
रूप विराट सृष्टि के जनक हैं, कहलाए आदि व अनंत
महिमा अपरंपार है उनकी, वह प्रथम गुरु तमहारी
करते मनोकामना पूरी, वो हैं। मंगल ,शुभकारी
आज करो पूजन शिव जी का, पावन शिवरात्रि का पर्व
शिव के संग आई है गौरा, भक्त करें देखकर गर्व
रचयिता
संगीता गौतम जयाश्री,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐमा,
विकास खण्ड-सरसौल,
जनपद-कानपुर नगर।
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