विश्व रंगमंच दिवस
रंगमंच है बन्धु यह संसार,
हम सब हैं इसके किरदार।
निभाना है अपना फर्ज ईमानदारी से,
किसी भी संभावना से नहीं इनकार।।
1961 में इसकी स्थापना बताएँ,
तभी से प्रतिवर्ष 27 मार्च को मनाएँ।
इस दिवस होता महत्वपूर्ण आयोजन,
अंतरराष्ट्रीय रंगमंच संदेश चारों ओर पहुँचाएँ।।
रंगकर्मी द्वारा शांति की संस्कृति पर है विचार,
1962 में संदेश दिए जीन काक्टे पहली बार।
2002 में भारत के गिरीश कर्नाड ने दिया संदेश,
फिर शुरू किया विचारों का आदान-प्रदान संसार।।
रंगमंच को बढ़ावा देना है हम सबको आज,
अनुभव को दूसरों के साथ बाँटने का हो काज।
लोगों में इसके प्रति पसंद को जागृत करना,
आने वाले समय में कर सके विश्व पर राज।।
भारत का इतिहास है बहुत पुराना,
कालिदास का मेघदूत है जाना पहचाना।
नाट्यशाला में ही इसकी रचना हुई,
शास्त्रीय रूप देने का कार्य भारत मुनि द्वारा बताना।।
Comments
Post a Comment