ज्ञान का प्रकाश
ज्ञान का प्रकाश व्यक्ति के
मन को पवित्र बनाता है
जीवन जीने की सही राह
वह व्यक्ति को दिखलाता है।।
सही शिक्षा जिसको नहीं मिली
वह गलत राह अपनाता है
चंद रुपए और पैसों की खातिर
वह हथियार उठाता है।।
समाज में फैलाकर दहशत
लोगों को सताता है।
अशिक्षित होने के कारण
वह अधर्म का मार्ग अपनाता है।।
पुस्तकों से दूर रहकर वह
दूसरों के बहकावे में आता है
मजहब और धर्म के नाम पर
वह आतंकी बन जाता है।।
पुस्तकों का ज्ञान ही व्यक्ति को
सही गलत का फर्क बताता है
आतंकी भी बन जाता संत
और मानव धर्म निभाता है।।
पुस्तकें होती हैं अनमोल
यह संस्कार जगाती हैं
व्यक्ति को गुणवान बनाकर
सही राह दिखलाती हैं।।
रचनाकार
मृदुला वर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,
विकास खण्ड-अमरौधा,
जनपद-कानपुर देहात।
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