विश्व जल दिवस

मैं जल हूँ, मैं जीवन हूँ,

मैं मानव दिल की धड़कन हूँ।

मुझसे सबका नाता जुड़ा,

सेवा में जग की मैं अर्पण हूँ।।


मेरे बिना तुम जी ना पाओगे,

साँसों को अपनी कैसे चला पाओगे।

आज नहीं जो जल का संरक्षण करोगे,

कल फिर बहुत तुम पछताओगे।।


22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाते,

स्वच्छ और सुरक्षित जल का उद्देश्य बताते।

जल संरक्षण पर ध्यान करना है आकर्षित,

1992 में पहली बार इसकी शुरुआत बताते।।


जल से ही प्राणियों की उत्पत्ति हुई है,

बिना जल कोई जीव जीवित नहीं है।

नदी किनारे संस्कृतियाँ हुईं विकसित,

बचत जल की सबसे आवश्यक हुई।।


2021 की थीम थी-"पानी का महत्व",

परेशानी बढ़ाता है जनसंख्या घनत्व।

उपयोग के साथ संरक्षण है बहुत जरुरी,

दुर्लभ संसाधन का मानव समझो महत्व।।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।

Comments

Total Pageviews