महाशिवरात्रि

शिव, शक्ति को मिलाने वाला,

महाशिवरात्रि पर्व निराला

बेल, धतूरा, भांग का

सेवन करने वाला है,

शिव डमरू वाला है!


जटा से जिनकी निकले गंगा

हो डुबकी से तन मन चंगा

वो भोला भाला है,

शिव डमरू वाला है!


भोला कैलाश निवासी है,

तीर्थ स्थल जिनका काशी है!

विष पीने वाला है,

शिव डमरू वाला है!


त्रिदेवों में जो एक देव

कहते हैं जिनको महादेव 

गले में सर्प की माला है,

शिव डमरू वाला है!

 

शेखर पर चन्द्र विराज रहा,

कर में त्रिशूल है साज रहा!

त्रिनेत्रों वाला है,

शिव डमरू वाला है!


जीवन साथी हैं पार्वती,

संतान कार्तिकेय और गणपति!

दुखों को हरने वाला है,

शिव डमरू वाला है!


रचयिता

अंकुर पुरवार,

सहायक अध्यापक,

उच्च प्राथमिक विद्यालय सिथरा बुजुर्ग,

विकास खण्ड-मलासा,

जनपद-कानपुर देहात।



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