प्रेरक उद्गार

(SCERT में एक प्रशिक्षण के दौरान साथियों/मार्गदर्शकों के मध्य से निकले कुछ प्रेरक उद्गार, जो एक प्रशिक्षक/शिक्षक/मानव के रूप में शायद हमारे काम आयें)


1. हम तो बहुत कुछ कर सकते हैं, सवाल यह है कि हम बच्चों से कितना करवा पाते हैं।

2. Appreciate the people.
Criticize the thing.

3. अच्छा trainer वही बन पाता है, जो trainees के मनोभावों तक पहुँच पाता है।

4. (Trainers to trainees) We are among you. Then why on this side? Just to give support.

5. Credit साथियों को दें, liability खुद पर लें।

6. General teacher is apart of you.
Great teacher is a part of you.

7. Teacher is a hero for students.

8. Teachers are magicians.

9. कोई ऐसा अक्षर नहीं, जिसमें मंत्रात्मक शक्ति न हो,
कोई ऐसा पौधा नहीं, जिसमें कोई औषधीय गुण न हो,
कोई ऐसा बच्चा/व्यक्ति नहीं, जिसमें कोई योग्यता न हो।

10. Main role (90%) is of teacher.
प्राचीन गुरुकुलों में facilities थोड़े ही थीं, गुरु का ही तो महत्त्व था।

11. शिक्षक का एक-एक शब्द, छोटे से छोटा आचरण बूँद-बूँद करके विद्यार्थी (और प्रकारांतर से भावी समाज का) निर्माण करता है।

12. अपने कार्यों का तेज इतना प्रबल हो कि कोई अधिकारी/प्रधान आदि आपका शोषण न कर सके।

13. संसार में बहुत लोग अपनी जगह सही हैं, हमें भी कहीं न कहीं अपना नजरिया बदलने की ज़रूरत है।

14. डरना नहीं है, डटना है।

15. दबाव में फाँसी लगाने वाले convent के बच्चे होते हैं, सरकारी विद्यालयों के नहीं।

16. Competition से भी बड़ी चीज है Cooperation.

17. Mind is a factory of thoughts.

18. (छड़ी गतिविधि) दृष्टिकोण ऊँचा रहेगा तो सफलता अधिक टिकाऊ बनेगी।

19. Energy level should be maintained till last.

20. अपना सुझाव या आलोचना प्रस्तुत करते समय CDC विधि अपनायें :

Connect (पहले सकारात्मक बिंदु)
Disconnect (आलोचनात्मक बिंदु)
Connect (सकारात्मकता से अंत)

ताकि हमारा सुझाव अधिक सुग्राह्य बने।

21. कोई कुछ न कर रहा हो तो हम ही first step उठाकर नेतृत्व करें, गौरव तो उसी कमल का है जो कीचड़ में भी खिल उठता है।

22. आओ कि हम खामोश रहें
या कुछ ऐसा कहें
जो खामोशी से बेहतर हो।

लेखक
प्रशान्त अग्रवाल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय डहिया,
विकास क्षेत्र फतेहगंज पश्चिमी,
ज़िला-बरेली (उ.प्र.)

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