विद्यार्थी जीवन
जब कभी कोई भी मानव,
स्वयं महान विद्वान बना है।
मन भाता आया लोगों में,
जन-जन का आदर्श बना है।।
विद्यार्थी जीवन से ही उसका,
पूरा जीवन जुड़ता आया है।
इसी उम्र से शिक्षित होकर,
सदा सत्कर्म करता आया है।।
गौतम, गांधी व गुरु नानक,
आदि महान विभूति हुए हैं।
प्रारम्भिक जीवन में वे भी,
विद्यार्थी बन शिक्षा लिए हैं।।
गाँधी जन को दिए उपदेश,
एक महात्मा के वेश में।
लोगों को सत्मार्ग बताये,
लाते रहे सुधार स्वदेश में।
पुस्तक ही प्रिय वस्तु था,
गीता पाठ सदा करते थे।
व्यर्थ समय न व्यतीत करते,
जीवन अमूल्य समझते थे।।
आगे चलकर न ही स्वराष्ट्र में,
अपितु पूर्ण विश्व में महान हुए।
देख कुशलता सब जन उनकी,
गुणगान और सम्मान किए।।
समय पालन का ध्यान दिये,
समय व्यर्थ ना व्यतीत किये।
इसी कारण से वह भविष्य में,
भारत वर्ष के राष्ट्रपिता हुए।।
शिक्षा लेकर आदर्श से इनके,
सत्य-अहिंसा का पालन करें।
विद्यार्थी जीवन है अनमोल,
सब पढ़ें व सभी महान बनें।।
रचयिता
रवीन्द्र शर्मा,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसवार,
विकास क्षेत्र-परतावल,
जनपद-महराजगंज,उ०प्र०।
स्वयं महान विद्वान बना है।
मन भाता आया लोगों में,
जन-जन का आदर्श बना है।।
विद्यार्थी जीवन से ही उसका,
पूरा जीवन जुड़ता आया है।
इसी उम्र से शिक्षित होकर,
सदा सत्कर्म करता आया है।।
गौतम, गांधी व गुरु नानक,
आदि महान विभूति हुए हैं।
प्रारम्भिक जीवन में वे भी,
विद्यार्थी बन शिक्षा लिए हैं।।
गाँधी जन को दिए उपदेश,
एक महात्मा के वेश में।
लोगों को सत्मार्ग बताये,
लाते रहे सुधार स्वदेश में।
पुस्तक ही प्रिय वस्तु था,
गीता पाठ सदा करते थे।
व्यर्थ समय न व्यतीत करते,
जीवन अमूल्य समझते थे।।
आगे चलकर न ही स्वराष्ट्र में,
अपितु पूर्ण विश्व में महान हुए।
देख कुशलता सब जन उनकी,
गुणगान और सम्मान किए।।
समय पालन का ध्यान दिये,
समय व्यर्थ ना व्यतीत किये।
इसी कारण से वह भविष्य में,
भारत वर्ष के राष्ट्रपिता हुए।।
शिक्षा लेकर आदर्श से इनके,
सत्य-अहिंसा का पालन करें।
विद्यार्थी जीवन है अनमोल,
सब पढ़ें व सभी महान बनें।।
रचयिता
रवीन्द्र शर्मा,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसवार,
विकास क्षेत्र-परतावल,
जनपद-महराजगंज,उ०प्र०।
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