हिन्दी व्यंजन माला गीत

हिन्दी व्यंजन माला गीत
       (भाग - 2)
       ('च' वर्ग )

'च' से चम्मच लो, खाना खाओ
'च' से चटाई बिछाकर सो जाओ
'च' से चरखा चलाते थे गांधी बाबा
       क्या मंदिर, क्या मस्जिद काबा

'छ' से छाता धूप और पानी से बचाता
'छ' छत्ता मधुमक्खी बनाता
'छ' से छड़ी ये लकड़ी की
     न सोने की, न चाँदी की

'ज' से जग में भर लो पानी
'ज' से जल की सुनो कहानी
'ज' से जहाज हवा में उड़ जाये
         चलो कहीं अब घूम के आयें

'झ' से झाड़ू, सफाई है करता
'झ' से झरना पहाड़ों से बहता
'झ' झंडा हम फहरायें
     राष्ट्रीय पर्व सब मिलकर मनायें

'ञ' का घर भी न होता खाली
चञ्चल सा होता मन बजाने को ताली

रचयिता
रिंकू कुमारी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय भिखारीपुर,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद-चंदौली।

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