कुपोषण की कहानी
आओ बच्चों तुम्हें सुनायें एक कहानी।
सुन्दरपुर में रहते थे एक राजा रानी।।
रानी को पिज्जा, बर्गर से हो गया था प्यार।
इस अज्ञानता से वे कुपोषण की हुईं शिकार।
रानी की यह दशा देख राजा परेशान हो गया।
तुरन्त मन्त्री को भेजकर राजवैद्य बुलवाया गया।
रानी की बीमारी देख राजवैद्य मुस्कुराये।
भरे राजदरबार में सेहत का राज बताये।
जीवन में यदि आप सभी को स्वस्थ्य रहना है।
भूख मिटाने के लिए संतुलित भोजन करना है।
आलू, गन्ना, शकरकंद यदि खाओगे।
काम करने की ऊर्जा (कार्बोहाइड्रेट )पाओगे।
दाल, मूँग और राजमा(प्रोटीन) यदि खा रहे।
शरीर की वृद्धि अपनी कर पा रहे।
यदि संतरा, अमरूद और टमाटर नहीं खाओगे।
तो विटामिन व खनिज लवण की कमी से बीमारियाँ बुलाओगे।
विटामिन ए की कमी से रतौंधी हो जाएगा।
रात में दिखायी नहीं देगा, चलना भी मुश्किल हो जाएगा।
राजा घबड़ाकर बोले, इसका कोई उपाय बताओ।
नहीं तो बुढ़ापे में मेरा क्या हाल हो जायेगा।
मन्त्री बोला, रतौंधी का उपाय मैं बताऊँगा।
आज से आपको मछली, दूध, पीले फल खिलाऊँगा।
राजवैद्य बोले, विटामिन बी की कमी से होती बेरी-बेरी की बीमारी है।
होंठ, मुँह, त्वचा फट जाते हाथ पैर में दर्द बहुत होता है।
रानी ने सोचा, यदि मेरी त्वचा फट जायेगी।
तो मेरी सुन्दरता गायब हो जायेगी।
राजवैद्य रानी के मन को ताड़ गये।
हरी सब्जी, माँस, मछली खाने की सलाह दिये।
सेनापति भी अपना दाँत दिखाते खड़ा हुआ।
वैद्य जी बताओ मुझे ये क्या हुआ।
मसूड़ों मे सूजन, दाँत से खून आ रहा।
सुबह शाम खाना भी दुश्वार हुआ जा रहा।
सेनापति जी आपको विटामिन सी की कमी से हुआ है स्कर्वी रोग।
खट्टे फल, नींबू , संतरा, आँवला खाओ हर रोज।
भीमसेन दरबारी भी यह सब सुनकर खड़ा हुआ।
वैद्य जी मेरे बच्चे का पैर टेढ़ा और हड्डियाँ क्यों कमजोर हुआ।
भीमसेन आपके बच्चे को विटामिन डी की कमी से हुआ है रिकेट्स रोग।
सूर्य की रोशनी, मछली, दूध, दही दो उसे हर रोज।
वैद्य जी की बातें सबके मन को भा गयीं।
सुन्दरपुर खुशहाल हुआ राजा रानी भी स्वस्थ हुई।
यह कविता कक्षा 3 ,4 व 5 के लिए उपयोगी है
रचयिता
ब्रजेश कुमार द्विवेदी,
प्रधानध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय हृदयनगर,
जनपद-बलरामपुर।
सुन्दरपुर में रहते थे एक राजा रानी।।
रानी को पिज्जा, बर्गर से हो गया था प्यार।
इस अज्ञानता से वे कुपोषण की हुईं शिकार।
रानी की यह दशा देख राजा परेशान हो गया।
तुरन्त मन्त्री को भेजकर राजवैद्य बुलवाया गया।
रानी की बीमारी देख राजवैद्य मुस्कुराये।
भरे राजदरबार में सेहत का राज बताये।
जीवन में यदि आप सभी को स्वस्थ्य रहना है।
भूख मिटाने के लिए संतुलित भोजन करना है।
आलू, गन्ना, शकरकंद यदि खाओगे।
काम करने की ऊर्जा (कार्बोहाइड्रेट )पाओगे।
दाल, मूँग और राजमा(प्रोटीन) यदि खा रहे।
शरीर की वृद्धि अपनी कर पा रहे।
यदि संतरा, अमरूद और टमाटर नहीं खाओगे।
तो विटामिन व खनिज लवण की कमी से बीमारियाँ बुलाओगे।
विटामिन ए की कमी से रतौंधी हो जाएगा।
रात में दिखायी नहीं देगा, चलना भी मुश्किल हो जाएगा।
राजा घबड़ाकर बोले, इसका कोई उपाय बताओ।
नहीं तो बुढ़ापे में मेरा क्या हाल हो जायेगा।
मन्त्री बोला, रतौंधी का उपाय मैं बताऊँगा।
आज से आपको मछली, दूध, पीले फल खिलाऊँगा।
राजवैद्य बोले, विटामिन बी की कमी से होती बेरी-बेरी की बीमारी है।
होंठ, मुँह, त्वचा फट जाते हाथ पैर में दर्द बहुत होता है।
रानी ने सोचा, यदि मेरी त्वचा फट जायेगी।
तो मेरी सुन्दरता गायब हो जायेगी।
राजवैद्य रानी के मन को ताड़ गये।
हरी सब्जी, माँस, मछली खाने की सलाह दिये।
सेनापति भी अपना दाँत दिखाते खड़ा हुआ।
वैद्य जी बताओ मुझे ये क्या हुआ।
मसूड़ों मे सूजन, दाँत से खून आ रहा।
सुबह शाम खाना भी दुश्वार हुआ जा रहा।
सेनापति जी आपको विटामिन सी की कमी से हुआ है स्कर्वी रोग।
खट्टे फल, नींबू , संतरा, आँवला खाओ हर रोज।
भीमसेन दरबारी भी यह सब सुनकर खड़ा हुआ।
वैद्य जी मेरे बच्चे का पैर टेढ़ा और हड्डियाँ क्यों कमजोर हुआ।
भीमसेन आपके बच्चे को विटामिन डी की कमी से हुआ है रिकेट्स रोग।
सूर्य की रोशनी, मछली, दूध, दही दो उसे हर रोज।
वैद्य जी की बातें सबके मन को भा गयीं।
सुन्दरपुर खुशहाल हुआ राजा रानी भी स्वस्थ हुई।
यह कविता कक्षा 3 ,4 व 5 के लिए उपयोगी है
रचयिता
ब्रजेश कुमार द्विवेदी,
प्रधानध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय हृदयनगर,
जनपद-बलरामपुर।
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