दीवाली में दीये जलायेंगे
मन में उमंग हम लायेंगे,
दीवाली में दीये जलायेंगे।
मीठे-मीठे पकवान सारे,
घर-आँगन में हैं बनते।
बूढ़े, जवान और बच्चे,
नये परिधान में दिखते।
मिलकर खुशियाँ मनायेंगे,
दीवाली में दीये जलायेंगे।।
गरीबों के पूरे जीवन में,
बाँटेंगे अब हम खुशियाँ।
काम करेंगे ऐसा हम,
याद रखेगी सारी दुनिया।
उनकी उम्मीदें जगायेंगे,
दीवाली में दीये जलायेंगे।।
नहीं छोड़ेंगे जानलेवा पटाखे,
धुएँ से खराब होती निगाहें।
श्वांस रोगों से मुक्ति पायेंगे,
धरती प्रदूषण-मुक्त बनायेंगे।
वन-उपवन में दिखे हरियाली,
अब हम नहीं जलायें पराली।
बगिया के खुद हम ही माली,
प्रदूषण रहित मनायें दीवाली।
जन-जन में जागरुकता लायेंगे,
दीवाली में दीये जलायेंगे।।
रचयिता
रवीन्द्र शर्मा,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसवार,
विकास क्षेत्र-परतावल,
जनपद-महराजगंज,उ०प्र०।
दीवाली में दीये जलायेंगे।
मीठे-मीठे पकवान सारे,
घर-आँगन में हैं बनते।
बूढ़े, जवान और बच्चे,
नये परिधान में दिखते।
मिलकर खुशियाँ मनायेंगे,
दीवाली में दीये जलायेंगे।।
गरीबों के पूरे जीवन में,
बाँटेंगे अब हम खुशियाँ।
काम करेंगे ऐसा हम,
याद रखेगी सारी दुनिया।
उनकी उम्मीदें जगायेंगे,
दीवाली में दीये जलायेंगे।।
नहीं छोड़ेंगे जानलेवा पटाखे,
धुएँ से खराब होती निगाहें।
श्वांस रोगों से मुक्ति पायेंगे,
धरती प्रदूषण-मुक्त बनायेंगे।
वन-उपवन में दिखे हरियाली,
अब हम नहीं जलायें पराली।
बगिया के खुद हम ही माली,
प्रदूषण रहित मनायें दीवाली।
जन-जन में जागरुकता लायेंगे,
दीवाली में दीये जलायेंगे।।
रचयिता
रवीन्द्र शर्मा,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसवार,
विकास क्षेत्र-परतावल,
जनपद-महराजगंज,उ०प्र०।
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