२८०~ प्रतिमा मिश्रा (प्रभारी प्रधानाध्यापिका) पू०मा०वि०-विश्वनाथपुर, ब्रह्मपुर, गोरखपुर
🔍🏅अनमोल रत्न🏅🔎
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से बेसिक शिक्षा की अनमोल रत्न बहन प्रतिमा मिश्रा जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को गतिविधियों का केन्द्र बनाते हुए सामाजिक विश्वास की उपलब्धि को प्राप्त किया है जो हम सबके लिए अनुकरणीय एवं प्रेरक है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2217383391872579&id=1598220847122173
मैं प्रतिमा मिश्रा (प्रभारी प्रधानाध्यापिका) पू०मा०वि०-विश्वनाथपुर, ब्रह्मपुर, गोरखपुर में कार्यरत हूँ।
इस विद्यालय पर मेरी नियुक्ति पदोन्नति पश्चात 01/07/2010 को हुई। विद्यालय बन्द था, यहाँ अराजक तत्वों का डेरा था, मरणोपरांत होने वाले श्राद्ध कर्म यहाँ होते थे। विद्यालय के सम्बंध में ग्रामवासियों की सोच बहुत नकारात्मक थी। जब हम यहाँ आये तो शुरू में कोई बच्चा यहाँ प्रवेश नहीं लेना चाहता, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि हम यहाँ रुकेंगे नहीं।बहुत समझाने के बाद 23 बच्चों ने प्रवेश लिया। ऐसी स्थिति देख कर हम तीन अध्यापक जो यहाँ आये थे, ने निर्णय लिया कि सर्वप्रथम बच्चों और ग्रामवासियों के मन में इस विद्यालय की बेहतर तस्वीर बनानी है। जिसके लिए हमने सर्वप्रथम प्रार्थना स्थल से
सुधार आरम्भ किया। अलग-अलग दिन के लिए अलग-अलग प्रार्थना निर्धारित की, प्रतिज्ञा, समाचार वाचन, कहानी और पी०टी० कराना आरम्भ किया।
शिक्षण कार्य में सहायक सामग्री का प्रयोग, करके सीखने पर जोर दिया। जिसके चलते छात्र संख्या में बढ़त हासिल हुई। अक्टूबर 2016 में मैंने यहाँ का प्रभार सम्भाला।उसके पश्चात मैंने विद्यालय के भौतिक परिवेश को भी सुधारना आरम्भ किया। दीवार पर सुंदर चित्र बनाये, गमले की व्यवस्था कर फूल लगवाए।
विज्ञान विषय में छात्रों की रुचि बढ़ाने के लिए विज्ञान प्रदर्शनी और विज्ञान रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की। जिसमें विज्ञान अध्यापिका श्रीमती श्वेता उपाध्याय ने बहुत परिश्रम किया। कला अनुदेशक श्रीमती सोना प्रजापति ने बच्चों के चित्रकला ज्ञान को सुदृढ किया।
इन सबके साथ विद्यालय में विभिन्न महत्वपूर्ण दिवसों का आयोजन, ptm का आयोजन, नियमित अभिभावक सम्पर्क, स्काउट गाइड कैम्प का आयोजन, नो बैग डे के अवसर पर विभिन्न प्रकार के क्राफ्ट की जानकारी आदि देने का कार्य किया जाता है। छात्रों को हाउस ड्रेस और छात्राओं को व्हाइट ड्रेस का वितरण भी किया।
इस बाल दिवस पर बच्चों के लिए प्रोजेक्टर की भी व्यवस्था हो गई है। माइक सेट, व्हाइट बोर्ड आदि की भी व्यवस्था की गई है।
परिणामस्वरूप छात्र संख्या में वृद्धि के साथ उनका ठहराव भी बढ़ा और ग्रामवासियों का विश्वास भी।
निश्चित रूप से सकारात्मक प्रयास और निरन्तर प्रयास से हम एक बेहतर शुरुआत कर सकते हैं।
साभार: आशीष शुक्ला
टीम मिशन शिक्षण संवाद
👉नोट:- आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
निवेदक: विमल कुमार
26-11- 2018
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से बेसिक शिक्षा की अनमोल रत्न बहन प्रतिमा मिश्रा जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को गतिविधियों का केन्द्र बनाते हुए सामाजिक विश्वास की उपलब्धि को प्राप्त किया है जो हम सबके लिए अनुकरणीय एवं प्रेरक है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2217383391872579&id=1598220847122173
मैं प्रतिमा मिश्रा (प्रभारी प्रधानाध्यापिका) पू०मा०वि०-विश्वनाथपुर, ब्रह्मपुर, गोरखपुर में कार्यरत हूँ।
इस विद्यालय पर मेरी नियुक्ति पदोन्नति पश्चात 01/07/2010 को हुई। विद्यालय बन्द था, यहाँ अराजक तत्वों का डेरा था, मरणोपरांत होने वाले श्राद्ध कर्म यहाँ होते थे। विद्यालय के सम्बंध में ग्रामवासियों की सोच बहुत नकारात्मक थी। जब हम यहाँ आये तो शुरू में कोई बच्चा यहाँ प्रवेश नहीं लेना चाहता, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि हम यहाँ रुकेंगे नहीं।बहुत समझाने के बाद 23 बच्चों ने प्रवेश लिया। ऐसी स्थिति देख कर हम तीन अध्यापक जो यहाँ आये थे, ने निर्णय लिया कि सर्वप्रथम बच्चों और ग्रामवासियों के मन में इस विद्यालय की बेहतर तस्वीर बनानी है। जिसके लिए हमने सर्वप्रथम प्रार्थना स्थल से
सुधार आरम्भ किया। अलग-अलग दिन के लिए अलग-अलग प्रार्थना निर्धारित की, प्रतिज्ञा, समाचार वाचन, कहानी और पी०टी० कराना आरम्भ किया।
शिक्षण कार्य में सहायक सामग्री का प्रयोग, करके सीखने पर जोर दिया। जिसके चलते छात्र संख्या में बढ़त हासिल हुई। अक्टूबर 2016 में मैंने यहाँ का प्रभार सम्भाला।उसके पश्चात मैंने विद्यालय के भौतिक परिवेश को भी सुधारना आरम्भ किया। दीवार पर सुंदर चित्र बनाये, गमले की व्यवस्था कर फूल लगवाए।
विज्ञान विषय में छात्रों की रुचि बढ़ाने के लिए विज्ञान प्रदर्शनी और विज्ञान रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की। जिसमें विज्ञान अध्यापिका श्रीमती श्वेता उपाध्याय ने बहुत परिश्रम किया। कला अनुदेशक श्रीमती सोना प्रजापति ने बच्चों के चित्रकला ज्ञान को सुदृढ किया।
इन सबके साथ विद्यालय में विभिन्न महत्वपूर्ण दिवसों का आयोजन, ptm का आयोजन, नियमित अभिभावक सम्पर्क, स्काउट गाइड कैम्प का आयोजन, नो बैग डे के अवसर पर विभिन्न प्रकार के क्राफ्ट की जानकारी आदि देने का कार्य किया जाता है। छात्रों को हाउस ड्रेस और छात्राओं को व्हाइट ड्रेस का वितरण भी किया।
इस बाल दिवस पर बच्चों के लिए प्रोजेक्टर की भी व्यवस्था हो गई है। माइक सेट, व्हाइट बोर्ड आदि की भी व्यवस्था की गई है।
परिणामस्वरूप छात्र संख्या में वृद्धि के साथ उनका ठहराव भी बढ़ा और ग्रामवासियों का विश्वास भी।
निश्चित रूप से सकारात्मक प्रयास और निरन्तर प्रयास से हम एक बेहतर शुरुआत कर सकते हैं।
साभार: आशीष शुक्ला
टीम मिशन शिक्षण संवाद
👉नोट:- आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
निवेदक: विमल कुमार
26-11- 2018
Comments
Post a Comment