साक्षरता का दीप जलायें

आओ हम सब मिलकर के साक्षरता का दीप जलायें
ध्यान रहे कहीं धरा पर निरक्षरता रह न जाए।।
ये वो नन्हें फूल हैं जिनके माली हम सब बनें
नव उपवन की ये कलियाँ इनको पढ़ना खूब सिखायें।
ध्यान रहे कहीं धरा पर कोई फूल मुरझा न जाए।।
आओ हम सब मिलकर के साक्षरता का दीप जलायें।
सौंपा गया है भाग्य वतन का हम शिक्षकों के हाथों में
इस विश्वास का मान बढ़ाकर सबको पढ़ना खूब सिखायें
ध्यान रहे कहीं धरा पर अज्ञान अंधेरा रह न जाए
आओ हम सब मिलकर के साक्षरता का दीप जलायें
ध्यान रहे कहीं धरा पर निरक्षरता रह न जाए।

रचयिता
सुमन कुशवाहा,
प्रधानाध्यापक,                  
प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर,
विकास खण्ड-नेवादा,
जनपद-कौशाम्बी।

Comments

Total Pageviews