चाचा नेहरू
आज बहुत है खास दिन,
बच्चों का है ये दिन।
14 नवम्बर जब भी आये,
चाचा नेहरू की याद दिलाये।
देश को आजाद कराने में,
अपने को झोंका था।
अमन और शांति पाठ पढ़ाने में,
कभी न खुद को रोका था।
भारत माँ का प्यारा पूत,
स्वतंत्रता सेनानी था।
जंगे आजादी में कूद,
रहता सबसे आगे था।
संस्कृति का पाठ पढ़ाया था,
आत्मा का विस्तार बताया था।
लोकतंत्र का पक्षधर बन,
हर छोटी बात का महत्व समझाया था।
अमूल्य सिद्धातों के बल पर,
उद्देश्य प्राप्त करना सिखाया था।
बिना उद्देश्य के मनुष्यों पर,
विफलता का अर्थ समझाया था।
तथ्यों को महत्वपूर्ण बता,
सही मार्ग दर्शाया था।
लगन और कुशलता को,
सफलता का मार्ग बताया था।
लोगों की कला को,
मन का दर्पण बताया था।
शांति और व्यवस्था के लिए,
पूंजीवाद समझाया था।
वो दिन भी आया था,
सारा देश मुस्कुराया था।
पहले प्रधानमंत्री बने नेहरू,
बच्चा -बच्चा चहका था।
चाचा नेहरू-चाचा नेहरू,
बच्चों पर प्यार लुटाते थे।
अचकन में फूल लगा,
मन्द-मन्द मुस्काते थे।
बच्चे बहुत प्यार से,
चाचा नेहरू बताते हैं।
इसीलिए जन्मदिवस को ही,
बाल दिवस मनाते हैं।
बच्चों पर जो प्यार लुटाया था,
कुछ कर्ज़ तो चुकता करें।
चाचा नेहरू को नमन करे,
हृदय से पुष्प अर्पण करें।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
बच्चों का है ये दिन।
14 नवम्बर जब भी आये,
चाचा नेहरू की याद दिलाये।
देश को आजाद कराने में,
अपने को झोंका था।
अमन और शांति पाठ पढ़ाने में,
कभी न खुद को रोका था।
भारत माँ का प्यारा पूत,
स्वतंत्रता सेनानी था।
जंगे आजादी में कूद,
रहता सबसे आगे था।
संस्कृति का पाठ पढ़ाया था,
आत्मा का विस्तार बताया था।
लोकतंत्र का पक्षधर बन,
हर छोटी बात का महत्व समझाया था।
अमूल्य सिद्धातों के बल पर,
उद्देश्य प्राप्त करना सिखाया था।
बिना उद्देश्य के मनुष्यों पर,
विफलता का अर्थ समझाया था।
तथ्यों को महत्वपूर्ण बता,
सही मार्ग दर्शाया था।
लगन और कुशलता को,
सफलता का मार्ग बताया था।
लोगों की कला को,
मन का दर्पण बताया था।
शांति और व्यवस्था के लिए,
पूंजीवाद समझाया था।
वो दिन भी आया था,
सारा देश मुस्कुराया था।
पहले प्रधानमंत्री बने नेहरू,
बच्चा -बच्चा चहका था।
चाचा नेहरू-चाचा नेहरू,
बच्चों पर प्यार लुटाते थे।
अचकन में फूल लगा,
मन्द-मन्द मुस्काते थे।
बच्चे बहुत प्यार से,
चाचा नेहरू बताते हैं।
इसीलिए जन्मदिवस को ही,
बाल दिवस मनाते हैं।
बच्चों पर जो प्यार लुटाया था,
कुछ कर्ज़ तो चुकता करें।
चाचा नेहरू को नमन करे,
हृदय से पुष्प अर्पण करें।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
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