२७८~ नरेंद्र सैनी (प्रधानाध्यापक) प्राथमिक विद्यालय ठाकुरद्वारा, विकासखंड- चमरौआ, रामपुर

🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- रामपुर से अनमोल रत्न शिक्षक भाई नरेन्द्र सैनी जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपने स्वयंसेवी तथा सकारात्मक सोच के प्रयासों से अपने विद्यालय को आकर्षक, अनुकरणीय और समाज में विश्वास का प्रतीक बनाया है। जो हम जैसे सैकड़ों लोगों को कुछ नया और अच्छा करने के लिए प्रेरित करता है।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:

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नरेंद्र सैनी (प्रधानाध्यापक)
प्राथमिक विद्यालय ठाकुरद्वारा
विकासखंड- चमरौआ, रामपुर

4 जुलाई 2009 को बेसिक शिक्षा विभाग में मेरी तैनाती प्राथमिक विद्यालय बबूरा, विकासखंड – मिलक, जनपद - रामपुर में सहायक अध्यापक के पद पर हुई|  यह वह दौर था जब बेसिक शिक्षा में काफी संख्या में विशिष्ट बी.टी.सी. के माध्यम से शिक्षक भर्ती हुई| एक नए जोश के साथ बेसिक शिक्षा में कुछ नया करने की चाह के साथ विद्यालय में शिक्षण कार्य शुरू किया| लेकिन सहायक अध्यापक होने के कारन कुछ अपने अनुसार विद्यालय में परिवर्तन संभव नहीं हो पाया क्योंकि मेरे परिवर्तन करने वाली सोच को सुनकर हमारे साथ के कुछ साथी कहते थे जो चल रहा है चलने दो|


17 जनवरी-2015 को प्रोन्नत होकर प्राथमिक विद्यालय रतनपुरा, विकासखंड – स्वार में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया| विद्यालय की घर से लगभग 50 किमी दूरी के बावजूद नियमित विद्यालय जाने की आदत से वहाँ कार्यरत बाकी शिक्षक भी हैरान रह जाते थे| अब मैं अपने अनुसार विद्यालय की व्यवस्था को चलाने में सक्षम था| लेकिन शीघ्र ही मेरा स्वार से चमरौआ ब्लॉक में समायोजन हो गया|

दिनांक 20-11-2016 को मेरे द्वारा प्राथमिक विद्यालय ठाकुरद्वारा में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। उस समय विद्यालय में 53 बच्चे नामांकित थे। विद्यालय में मात्र 40 से 45 प्रतिशत उपस्तिथि रहती थी। विद्यालय का भौतिक परवेश ठीक नही था तथा बिल्कुल भी आकर्षित नही था। विद्यालय के प्रांगण में जहाँ-तहाँ गड्ढे थे, जगह- जगह जंगली पेड़ पौधे, बेल आदि उगी हुई थी। बच्चों का शैक्षिक स्तर अत्यंत निम्न था।


इसी वर्ष 5 सितम्बर-2016 को हमारे जनपद - रामपुर में “कोशिश बदलाव की” की पत्रिका का प्रथम अंक का प्रकाशन हुआ| जिसमें रामपुर के प्रत्येक ब्लॉक से ऐसे विद्यालयों की कहानी को प्रकाशित किया गया, जहाँ शिक्षकों ने अपनी मेहनत से विद्यालयों को एक नया मुकाम दिलाया है| पत्रिका ने मुझे बहुत प्रभावित किया तब मैंने भी अपने विद्यालय के भौतिक और शैक्षिक वातावरण को बदलने की ठानी|

मेरे द्वारा विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने के बाद सर्वप्रथम उल्लेखनीय कार्य विद्यालय के भौतिक परिवेश को सुधार कर आकर्षित करने का रहा। जिसके अंतर्गत विद्यालय प्रांगण को समतल कर उसमें उगे जंगली पौधों, बेलों को साफ किया गया तथा उनके स्थान पर विभिन्न प्रकार के फूलों के व सजावटी पौधों को रोपा गया जिसके परिणामस्वरूप आज विद्यालय का भैतिक परिवेश अत्यंत ही आकर्षित हो गया है जो किसी कान्वेंट स्कूल के समान लगता है। विद्यालय परिवेश में सुधार के कारण एवं कई माह तक निरंतर जनसंपर्क कर विद्यालय की दैनिक उपस्तिथि भी 70 से 80 प्रतिशत रहने लगी है। बच्चों के शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए मेरे द्वारा विशेष सामान्य ज्ञान की कक्षाओं का आयोजन किया गया जिसके परिणामस्वरूप जिन बच्चों को अपने देश, प्रदेश, जिले का नाम भी ठीक से याद नहीं था आज अधिकतर बच्चों को देश, पड़ोसी देश, देश के राज्य एवं राजधानी, प्रदेश के सभी मण्डल और जिले आज कण्ठस्थ हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि विद्यालय का भौतिक परिवेश मेरे निजी प्रयासों द्वारा आकर्षित बनाया गया है। ग्रामप्रधान द्वारा 14वें वित्त से कोई भी सहयोग अभी तक मेरे विद्यालय में नहीं किया गया है। यद्यपि ग्रामप्रधान द्वारा अब 14वें वित्त से सहयोग का आश्वासन दिया गया है जिससे विद्यालय और भी अधिक आकर्षित हो जाएगा। आज विद्यालय में कुल 75 बच्चे नामांकित है तथा वर्ष 2019-20 में यह नामांकन 100 से ऊपर होने की उम्मीद है। आज इस बात का गर्व होता है जब अभिभावक, ग्रामवासी यह कहते है कि आपके आने के बाद विद्यालय के शैक्षिक, भौतिक वातावरण में बहुत सुधार हो गया है। मेरा आगे का लक्ष्य विद्यालय का सार्वभौमिक विकास को निरंतर जारी रखने का है। विद्यालय के विकास में मेरे स्कूल स्टाफ, ग्रामवासियों, सफाईकर्मी का भी मत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन सभी का बहुत बहुत आभार।




अंत में यही कहूँगा :

कल–कल करती नदियों सा शोर न करना आता है|

समुन्द्र सा गंभीर मेरा चित हमेशा सोचता जाता है||

कुछ ऐसा तो करूँ इस जहाँ में नभ को छू जाऊ|

इन नन्हें परिंदों को शिक्षा से उड़ना सीखा जाऊ||

साभार : दीपक पुंडीर
मिशन शिक्षण संवाद, रामपुर

👉नोट:- आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

निवेदक: विमल कुमार
20-11- 2018

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