जमनालाल बजाज
जमनालाल बजाज
जन्मदिन विशेष
जन्म है 4 नवम्बर, सन अठारह सौ नवासी।
जन्मभूमि सीकर राजस्थान गाँव का नाम है काशी।।
कनीराम-बिरदीबाई के पुत्र हैं जमनालाल।
गौ सेवा के क्षेत्र में काम किया बेमिसाल।।
अछूतों के लिए खोल दिये लक्ष्मी नारायण मन्दिर के द्वार।
हरिजन से हरि जैसा प्रेम इन्हें रहा स्वीकार।।
जमनालाल ने देश के पशुधन की रक्षा का काम किया।
गौ सेवा के क्षेत्र में सबसे बड़ा काम किया।।
उद्योगपति मानवशास्त्री स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी।
गाँधी के बहुत करीबी और उनके सच्चे अनुगामी।।
गांधीजी उन्हें मानते थे अपने पुत्र समान।
इनके कार्यों का सदा करते रहे सम्मान।।
वर्धा में आपने किया ‘सत्याग्रह आश्रम’ की स्थापना।
गौ सेवा संघ, गांधी सेवा संघ, सस्ता साहित्य मण्डल संस्था की स्थापना।।
जाति भेद के प्रबल विरोधी हरिजन का उत्थान।
स्मृति में स्थापित 'जमनालाल बजाज सम्मान'।।
वर्धा के एक सेठ ने इन्हें लिया था गोद।
सब उपलब्ध थे सम्पन्नता के साधन आमोद-विनोद।।
विलासिता और ऐश्वर्य का वातावरण न कर पाया दूषित।
बचपन से इनका झुकाव था सरल, सौम्य, अध्यात्मिक।।
10 के थे जमना बजाज 6 वर्ष की जानकी बाई।
बाल्यावस्था में ही हो गयी इन दोनों की सगाई।।
जमनालाल बजाज ने खादी और स्वदेशी को अपनाया।।
स्वदेशी स्वीकार किया विदेशी वस्त्रों की होली जलाया।।
फैशनेबल पब्लिक स्कूल में अपने बच्चे नहीं पढ़ाया।
विनोबा सत्याग्रह आश्रम में भेजा, संस्कारित उन्हें बनाया।।
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।
जन्मदिन विशेष
जन्म है 4 नवम्बर, सन अठारह सौ नवासी।
जन्मभूमि सीकर राजस्थान गाँव का नाम है काशी।।
कनीराम-बिरदीबाई के पुत्र हैं जमनालाल।
गौ सेवा के क्षेत्र में काम किया बेमिसाल।।
अछूतों के लिए खोल दिये लक्ष्मी नारायण मन्दिर के द्वार।
हरिजन से हरि जैसा प्रेम इन्हें रहा स्वीकार।।
जमनालाल ने देश के पशुधन की रक्षा का काम किया।
गौ सेवा के क्षेत्र में सबसे बड़ा काम किया।।
उद्योगपति मानवशास्त्री स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी।
गाँधी के बहुत करीबी और उनके सच्चे अनुगामी।।
गांधीजी उन्हें मानते थे अपने पुत्र समान।
इनके कार्यों का सदा करते रहे सम्मान।।
वर्धा में आपने किया ‘सत्याग्रह आश्रम’ की स्थापना।
गौ सेवा संघ, गांधी सेवा संघ, सस्ता साहित्य मण्डल संस्था की स्थापना।।
जाति भेद के प्रबल विरोधी हरिजन का उत्थान।
स्मृति में स्थापित 'जमनालाल बजाज सम्मान'।।
वर्धा के एक सेठ ने इन्हें लिया था गोद।
सब उपलब्ध थे सम्पन्नता के साधन आमोद-विनोद।।
विलासिता और ऐश्वर्य का वातावरण न कर पाया दूषित।
बचपन से इनका झुकाव था सरल, सौम्य, अध्यात्मिक।।
10 के थे जमना बजाज 6 वर्ष की जानकी बाई।
बाल्यावस्था में ही हो गयी इन दोनों की सगाई।।
जमनालाल बजाज ने खादी और स्वदेशी को अपनाया।।
स्वदेशी स्वीकार किया विदेशी वस्त्रों की होली जलाया।।
फैशनेबल पब्लिक स्कूल में अपने बच्चे नहीं पढ़ाया।
विनोबा सत्याग्रह आश्रम में भेजा, संस्कारित उन्हें बनाया।।
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।
Comments
Post a Comment