भैया दूज
शुक्ल पक्ष द्वितीय तिथि
कार्तिक उत्तम मास।
भाई के हित के लिए
बहिन करे उपवास।
भाई के दीर्घायु को
बहिनें करतीं पूज।
दीवाली के बाद ही
होता भइया दूज।
भगिनी करती कामना
बढ़े भाई की आयु।
कीर्ति जगत में यूँ चले
तेज चले ज्यों वायु।
मौत देव यमराज ने
कहा बहिन का मान।
यमुना के घर वे चले
उसका आग्रह जान।
भगिनी यमुना को दिया
बहुत बड़ा वरदान।
चली तभी से है प्रथा
भैया दूज समान।
रचयिता
नरेश चंद्र उनियाल,
सहायक अध्यापक,
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय घण्डियाली,
विकास क्षेत्र-थलीसैंण,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
मेरी कृति को स्थान देने के लिये आदरणीय मंच का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद 🙏🌹
ReplyDeleteकृतज्ञ हूं।