शिक्षक हैं हम सब
तर्ज - बाबुल का ये घर बहना
शिक्षक हैं हम सब, हमें सबको पढ़ाना है,
क ख ग संग हमको, ABCD भी पढ़ाना है।
शिक्षा बिन जीवन में ना कोई खुशियाँ हैं,
शिक्षा की ज्योति को हम सबको जलाना है।
शिक्षक हैं हम सब, हमें सबको पढ़ाना है,
क ख ग संग हमको, ABCD भी पढ़ाना है।
शिक्षा बिन जीवन की राहें अंधेरी हैं,
ज्ञान की किरणों से तम को मिटाना है।
शिक्षक हैं हम सब, हमें सबको पढ़ाना है,
क ख ग संग हमको, ABCD भी पढ़ाना है।
छूटे ना कोई बच्चा अब, स्कूल सबको लाना है,
हर एक बच्चे को, हमें शिक्षित बनाना है।
शिक्षक हैं हम सब, हमें सबको पढ़ाना है,
क ख ग संग हमको, ABCD भी पढ़ाना है।
शिक्षा की दौलत को, हमें जग पर लुटाना है,
ये दौलत लुटाकर के, धर्म अपना निभाना है।
शिक्षक हैं हम सब, हमें सबको पढ़ाना है,
क ख ग संग हमको, ABCD भी पढ़ाना है।
आए हैं इस जग में तो, कुछ करके जाना है,
देकर कुछ जग को हमें, फर्ज अपना निभाना है।
शिक्षक हैं हम सब, हमें सबको पढ़ाना है,
क ख ग संग हमको, ABCD भी पढ़ाना है।
ईर्ष्या द्वेष लालच से हमें बचकर जाना है,
दुर्गुणों को मिटा करके, सद्गुणों को अपनाना है।
शिक्षक हैं हम सब, हमें सबको पढ़ाना है,
क ख ग संग हमको, ABCD भी पढ़ाना है।
देखा है जो हमने सपना, पूरा सपना वो करना है,
तन मन और धन से, स्वर्ग जग को बनाना है।
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
बहुत सुंदर 👍
ReplyDelete