इंद्रधनुष
बारिश का मौसम आने पर,
इंद्रधनुष बन जाता है।
सात रंग से सजा-धजा यह,
सूर्य से इसका नाता है।
बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा,
पीला, नारंगी व लाल।
इन्हीं सात रंगों से धनुष यह,
लगता बहुत कमाल।
पूरब या पश्चिम में रवि जब,
पीठ के पीछे आता है।
बारिश का मौसम आने पर,
इंद्रधनुष बन जाता है।
वर्षा होने के बाद ही बनता,
पूरब कभी या पश्चिम।
जब तापमान सूरज का हो,
हल्का-हल्का व मद्धिम।
श्वेत प्रकाश सूर्य का बँटकर,
सात रंग बन जाता है।
बारिश का मौसम आने पर,
इंद्रधनुष बन जाता है।
जब जल की नन्हीं बूँदों पर,
सूरज का पड़े प्रकाश।
अपवर्तन और परावर्तन की,
घटती है घटना खास।
इसके बाद वर्ण विक्षेपण से,
इंद्रधनुष तन जाता है।
बारिश का मौसम आने पर,
इंद्रधनुष बन जाता है।
क्षितिज बहुत लगता है सुंदर,
इंद्रधनुष बन जाने से।
मन के अंदर बस जाता यह,
मिटता नहीं मिटाने से।
छटा प्रकृति की लगे मनोरम,
सबके मन यह भाता है।
बारिश का मौसम आने पर,
इंद्रधनुष बन जाता है।
सात रंग से सजा-धजा यह,
सूर्य से इसका नाता है।
रचयिता
अरविन्द दुबे मनमौजी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अमारी,
विकास खण्ड-रानीपुर,
जनपद-मऊ।
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