छठ का पावन पर्व

आओ सखी छठ का पावन पर्व मनायें।

अस्ताचल रवि को अर्घ्य देकर अरुणोदय में फिर जल चढा़यें, 

पहन लाल, नीली चूनर भरें मांग में सेंदुरा सोलह श्रृंगार सजायें, 

छप्पन भोग सजा डाला में.. और बनायें मीठे ठेकुआ लड्डू

भोर होते अखियन भर निंदियाँ बाल सूर्य को भोग लगायें। 


आओ सखी छठ का पावन पर्व मनायें। 

लालन-पालन रहे सलामत और अखंड सुहाग रहे, 

दिन  दूना और रात  चौगुना उन्नति से परिवार भरे, 

देश, धर्म, फसलें अरु सीमा चहुँओर किरण विस्तारित हो, 

निर्जल व्रत रख माँगूँ  यह  पूर्ण करो करतार हरे। 


रचयिता
रीता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कलेक्टर पुरवा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।



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