हमारी धरोहर
हैं बच्चों के कुछ अधिकार
जीने दो और खिलने दो इनको।
इनके बिना नहीं
कोई घर संसार।
हों न बच्चे कुपोषण का शिकार
हो न बाल विवाह।
करें न छोटे बच्चे मजदूरी
पड़ेगा भरना जुर्माना जरूरी।
मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा
है करनी सभी बच्चों को पूरी।
यौन अपराध से
दिलाए पॉक्सो एक्ट सुरक्षा।
बने शिक्षक रोल मॉडल
बढ़ाए सामाजिक जागरूकता।
है संवारना बच्चों का भविष्य
दें उनको अच्छी शिक्षा।
हैं यह समाज की धरोहर
होगा रखना इसको सँभालकर।
रचयिता
सुषमा मलिक,
सहायक अध्यापक,
कंपोजिट स्कूल सिखेड़ा,
विकास खण्ड-सिंभावली,
जनपद-हापुड़।
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